विभाग की जद में सिर्फ छोटे और मझोले कारोबारी
गोरखपुर। होली का पर्व निकट आते ही एक विभाग की सक्रियता अचानक से बढ़ गई है। साल भर कुम्भकर्ण की नींद सोने वाला विभाग पर्व एंव त्यौहार निकट आते ही अचानक से सक्रिय हो जाता है।
कहना गलत नही है कि विभाग की नज़र में पूरे साल जिले भर में भले ही रामराज कायम रहता हो लेकिन ऐन पर्व से पहले इन्हें मिलावट और नकली खाद्य पदार्थों के सपने आने शुरू हो जाते हैं।
बात करें नकली और मिलावटी खाद्य पदार्थो की तो पूरे बाज़ार ऐसे सामानों से पटे पड़े हैं। दिल्ली गाज़ियाबाद वाया कानपुर लखनऊ होते हुए रोज़ सैकड़ों बसें गोरखपुर की सरहद से गुजरती हैं जिनके जरिये नकली और मिलावटी खाद्य शहर में तेज़ी से आ रहे हैं इसके अलावा ट्रांसपोर्ट या रेलवे के ज़रिये भी भारी मात्रा में हानिकारक समान की सप्लाई जारी है और खाद्य सुरक्षा विभाग छुटपुट कार्यवाही करके खानापूर्ति कर ले रहा है और कार्यवाही के नाम पर बस छोटे और मझले व्यापरियों का उत्पीड़न किया जा रहा है।
पिछले दिनों असिस्टेंट फूड कमिश्नर डॉ. सुधीर कुमार सिंह ने आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन लखनऊ से प्राप्त निर्देशों का हवाला देते हुए बताया था कि चार ब्रांडेड कंपनी के प्रोडक्ट जिसमें आपके फूड इंडस्ट्रीज राधा नगर मुगल रोड आगरा से हींग प्रोडक्ट को अनसेफ पाया गया है, राहुल ब्रांड शाहजहांपुर का हल्दी पाउडर, हंस ब्रांड मऊ का घी, बिंद फ़ूड इंडस्ट्रीज का शाही मंसूर नमकीन को अनसेफ पाया गया है इस बैच के जितने भी प्रोडक्ट बाजार में उपलब्ध है उन पर बैन लगाया गया है दुकानदारों को जागरूक किया जा रहा है कि वह इस बैच के प्रोडक्ट को ना बेचे, सूचना देने के बाद भी अगर कोई इन प्रोडक्ट को बेचता दे पाया गया तो वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
अब सवाल ये उठता है कि आखिर इन समानों के स्टॉकिस्टों और डीलरों पर खाद्य सुरक्षा विभाग ने क्या कार्यवाही किया या कितने गोदाम सील किये।
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