जांच में गर्दन फंसते ही प्रधान ने शुरू कराया निर्माण बीडीओ ने रोका

0
21
भरुआ सुमेरपुर। ग्राम पंचायत बड़ागांव में कार्य कराने के पूर्व धनराशि निकालकर डकार लेने की शिकायत के बाद जांच में मामला सही पाए जाने के बाद रिकवरी के आदेश होते ही प्रधान ने आनन फानन कार्य कराकर बचने का प्रयास किया। शिकायतकर्ता की शिकायत पर बीडीओ ने टीम भेजकर कार्य ठप करा दिया है।
ग्राम पंचायत बड़ागांव में प्रधान हरदौल निषाद ने रामविशाल के दरवाजे से शिवराम के दरवाजे तक सीसी मार्ग का निर्माण दिखाकर धनराशि का आहरण गत मई माह में कर लिया था। इसकी शिकायत गांव निवासी रमेश निषाद ने मुख्यमंत्री सहित उच्च अधिकारियों से की थी। शिकायत पर जिलाधिकारी ने दो सदस्यीय टीम भेजकर जांच करायी तो जांच में पाया गया कि इस रास्ते का निर्माण पूर्व में क्षेत्र पंचायत के द्वारा कराया गया था। ग्राम पंचायत ने कोई निर्माण नहीं कराया है। इसी तरह अन्य कार्य भी मौके पर नहीं पाये गये।जांच टीम ने मौके पर किसी तरह का कार्य न होने की पुष्टि के बाद जांच आख्या प्रस्तुत की थी। जांच टीम ने पंचायत में कुल 6 लाख 56 हजार 302 रुपये की धनराशि के गबन की पुष्टि की थी। जांच टीम ने पाया है कि प्रधान ने शासनादेश के विरुद्ध भाई, भतीजों, पुत्रों के नाम भुगतान किए हैं। आख्या के बाद प्रधान सहित तत्कालीन सचिव आदि को दोषी माना गया और सभी से रिकवरी की संस्तुति की गई। शिकायतकर्ता ने जांच आख्या मुख्यमंत्री को भेजकर कार्यवाही की मांग की थी। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद ने जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक को जांच आख्या के आधार पर मुकदमा दर्ज करने को आदेशित किया। इसी बीच रिकवरी और मुकदमे से बचने के लिए ग्राम प्रधान ने आनन फानन में कार्य शुरू कराया था। इसको खंड विकास अधिकारी ने शिकायतकर्ता रमेश निषाद की शिकायत पर टीम भेजकर कार्य ठप करा दिया है। इससे प्रधान हरदौल निषाद व जांच में फंसे सचिव ओमप्रकाश प्रजापति, कंसल्टेंट इंजीनियर अनूप सिंह, अवर अभियंता महेश चन्द्र आदि में हडकंप मच गया है। ग्राम प्रधान ने आरोपों को निराधार बताते हैं।
Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here