इमरा नदी: अरुणाचल प्रदेश के मिष्मी जनजाति की सांस्कृतिक धरोहर, इंडियन आर्मी ने बताई खासियत

0
91

भारतीय सेना के कोलकाता स्थित पूर्वी कमान ने अपने ट्विटर अकाउंट के माध्यम से अरुणाचल प्रदेश की इमरा नदी और उससे जुड़े क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर की जानकारी साझा की है। इमरा नदी अरुणाचल प्रदेश के चार हजार मीटर की ऊंचाई पर मिष्मी पहाड़ियों से निकलती है और दिबांग घाटी जिले के एटालिन सर्कल से होते हुए भारत की प्रमुख ब्रह्मपुत्र नदी में मिलती है। एटालिन गांव दिबांग घाटी से अनिनी जिले की ओर जाने वाले यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।

इंडियन आर्मी की तरफ से बताया गया है कि मिष्मी जनजाति, जो इस क्षेत्र में प्राचीन काल से निवास करती है, अपनी अनूठी सांस्कृतिक धरोहर के लिए जानी जाती है। इस जनजाति का मानना है कि भगवान कृष्ण की पत्नी रुक्मिणी मिष्मी जनजाति से संबंधित थीं। इस मान्यता ने इस जनजाति को एक विशेष पहचान दी है और वे आज भी अपनी परंपराओं और भूमि से गहरा संबंध बनाए हुए हैं।

इमरा नदी घाटी अपने महाशीर मछली उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है, जो दिबांग घाटी में सबसे अधिक है। महाशीर मछली (टोर पुटिटोरा), जो प्रजनन और अंडे देने के लिए दिबांग से इमरा नदी की ओर प्रवास करती है, अरुणाचल प्रदेश की राज्य मछली है और वैश्विक स्तर पर इसे अपने स्वाद के लिए बहुत पसंद किया जाता है।

दरअसल, इन इलाकों को चीन कई बार विवादित तौर पर अपना बताता रहा है जबकि भारतीय सभ्यता और संस्कृति में हजारों सालों से ये जगहें और इन जनजातियों की संस्कृति का जिक्र होता रहा है। इनका जिक्र ना केवल वर्तमान बल्कि भारतीय पौराणिक ग्रंथों में भी रहा है।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here