अवधनामा संवाददाता
कला भवन मेे कला साधना शिविर का भव्य शुभारम्भ
ललितपुर। सिद्धन रोड स्थित कला भवन में प्रख्यात चित्रकार ओमप्रकाश बिरथरे द्वारा आयोजित निशुल्क कला साधना शिविर का शुभारम्भ मुख्य अतिथि नेमवि प्राचार्य प्रो.राकेश नारायण द्विवेदी, वरिष्ठ कोषाधिकारी विष्णुकांत द्विवेदी की अध्यक्षता में एवं विशिष्ट अतिथि वी.के. अग्रवाल, अर्चना अग्रवाल, इन्टैक ललितपुर चैप्टर संयोजक सन्तोष कुमार शर्मा, जगदीश प्रसाद पाराशर, शान्ति मालवीय के द्वारा दीप प्रज्जवलन एवं माँ सरस्वती के पूजन के साथ हुआ। इस अवसर पर अतिथियों को शॉल पहनाकर एवं बैज अलंकरण कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रो.राकेश नारायण द्विवेदी ने कहा कि अभिव्यक्ति मनुष्य की जन्मजात स्वाभाविक वृत्ति है और चित्रकला आत्म अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है। चित्रकला का सम्बन्ध चित्त है। चित्र अपने समय के समाज की स्थिति एवं संस्कृति का बोध कराते हैं। इस तरह के शिविर सृजनशीलता के लिए अच्छे अवसर हैं और यह शिविर कला साधकों की प्रतिभाओं को निखारने में प्रभावी भूमिका का निवर्हन करेगा। 02 से 30 अप्रैल 2023 तक लगभग एक माह चलने वाले निशुल्क शिविर के महत्व पर प्रकाश पर महत्व डालते हुये शिविर आयोजक ओमप्रकाश बिरथरे ने कहा कि यह शिविर कला सीखने के लिए वातावरण तैयार कर प्रशिक्षार्थियों में कला के बीज डालकर पौध तैयार करने का कार्य करता है। यह उन बच्चों के लिए विशिष्ट है, जो अभाव के कारण अपनी प्रतिभाओं को निखारने के अवसर पाने से वंचित रह जाते हैं। यह शिविर कला प्रतिभाओं को अपनी कला को निखारने, कला की बारीकियां सीखने के लिए सशक्त अवसर प्रदान करता है। बिरथरे ने कहा कि बच्चे आज के वातावरण मे हो रहे अवसाद से मुक्त होकर सृजन के साथ साथ चित्रकला के क्षेत्र में अपना नाम स्थापित कर सकते हैं। विष्णुकांत द्विवेदी ने कहा कि चित्रकला का ज्ञान होने पर मानव में सौन्दर्य बोध, मुक्त अभिव्यक्ति तथा सृजनशीलता का विकास होता है। यह शिविर निश्चित ही बच्चों में रचनात्मक सौन्दर्यात्मक प्रवृत्ति का विकास करने में इस तरह के शिविर सहायक हो सकते हैं। वी.के. अग्रवाल ने कहा कि कला आत्मा, मस्तिष्क और हृदय तीनों को परिष्कृत करती है। अर्चना अग्रवाल ने कहा कि यह शिविर कला साधकों के लिए वरदान है। साधक अच्छे शिष्य की तरह शिक्षा ले। सन्तोष कुमार शर्मा ने कहा कि इस शहर में इस तरह के निशुल्क शिविर का आयोजन निश्चित ही पुण्य कार्य है। शांति मालवीय पूर्व प्रधानाचार्या ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में बच्चों का शिविर में प्रतिभाग करना शिविर की सफलता को दर्शाता है, कला हमें प्रत्येक कार्य को सलीके से सही तरीके से कार्य करना सिखाती है। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार विनोद त्रिपाठी, अजय बरया, कृष्णकांत सोनी, पूर्व प्रधानाचार्य शांति मालवीय, भगवतीबाई बिरथरे, गोविन्द नारायण व्यास, सत्य नारायण तिवारी आचार्य, जयन्त चौबे, प्रीति बिरथरे, स्वाती त्रिपाठी, अनिल त्रिपाठी, सुरेश साहू, गोविन्दराम सेन, प्रीतम प्रकाश सत्संगी, नवनीत प्रकाश विशेष रूप उपस्थित रहे। इस शिविर में 60 कला साधक प्रतिभाग कर रहे हैं। कला साधाना शिविर का प्रबन्धन में महेश प्रसाद बिरथरे विशिष्ट योगदान रहा। कार्यक्रम का संचालन बृजमोहन संज्ञा ने किया।