अवधनामा संवाददाता
कुछ लोग अपने निजी फायदे के लिए कर रहे इसका विरोध,पार्षद लईक आगा
सैय्यद रहबर मेहदी
लखनऊ:इन दिनों पुराने लखनऊ के कश्मीरी मोहल्ला वार्ड में बन रहे स्वर्गीय कल्बे आबिद द्वार काफी चर्चा का विषय बना हुआ है शिया सुन्नी एकता की पहचान और बच्चो की तालीम पर खास तवज्जो देने वाले स्वर्गीय डाक्टर कल्बे आबिद की याद में बन रहे द्वार के निर्माण को पुरातत्व विभाग ने अवैध बताते हुए इस पर रोक लगा दी है
पूरा मामला पुराने लखनऊ के कश्मीरी मोहल्ला वार्ड (बुनियाद बाग) के पास बन रहे स्वर्गीय डाक्टर कल्बे आबिद द्वार का है
बता दें कि कश्मीरी मोहल्ला वार्ड के पार्षद लईक आगा द्वारा कल्बे आबिद द्वार का निर्माण कराया जा रहा था लेकिन कुछ स्थानीय लोगो को ये निर्माण नागवार गुजरा और वो इसका विरोध करने लगे और उन्होंने इस निर्माण को अवैध बताते हुए इसकी शिकायत पुरातत्व विभाग (आसारे कदीमा) में कर दी जिसके बाद विभाग फौरन हरकत में आया और उसने इस निर्माण पर रोक लगा दी पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि करबला के 100 मीटर के दायरे में कोई भी इमारत के निर्माण के लिए पुरातत्व विभाग से अनुमति (NOC) लेनी पड़ती है लेकिन कल्बे आबिद द्वार बिना विभाग की अनुमति के बनाया जा रहा था इसीलिए इसके निर्माण को रोका गया साथ ही विभाग की तरफ से बिना अनुमति निर्माण कर रहे ठेकेदार के खिलाफ सहादतगंज कोतवाली में तहरीर भी दी गई है
वही पार्षद लईक आगा का कहना है कि कल्बे आबिद द्वार को उन्होंने नगर निगम से पास करवाकर बनवाना शुरू किया था लेकिन जिया अब्बास और बिलाल अब्बास जैसे कुछ स्थानीय लोगो ने अपने निजी फायदे के लिए इसका विरोध कर इस निर्माण को रुकवा दिया उन्होंने पुरातत्व विभाग को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अगर विभाग मेरे द्वारा बनाए जा रहे द्वार को अवैध बता रहा है तो इसके आस पास बनी ऊंची ऊंची इमारतें वैध कैसे हुई उन्होंने कहा अगर करबला के 100 मीटर दायरे में बनाई गई इमारतें अवैध होती है तो जो इमारतें अभी मौजूद हैं वो कैसे बनी उन्हे किसने इजाज़त दी क्या विभाग उस वक्त सो रहा था अगर उन इमारतों को इजाज़त मिल सकती है तो कल्बे आबिद द्वार को क्यों नहीं क्यों विभाग इस निर्माण को रोकने के लिए इतना परेशान हैं आखिर क्या वजह है अगर विभाग इस द्वार को अवैध बता रहा है तो वहा बनी इमारतों को भी अवैध करार दे,लईक आगा ने कहा कि रमज़ान को देखते हुए हम इस मामले में शांत बैठे है लेकिन रमज़ान के बाद हम इस निर्माण को दोबारा शुरू कराने की मांग करेंगे फिर चाहे इसके लिए हमे कोर्ट का दरवाजा ही क्यों ना खट खटाना पड़े।
फिलहाल ये पूरा मामला तूल पकड़ता जा रहा है अब देखना ये होगा कि पार्षद लाईक आगा के सवालों पर पुरातत्व विभाग क्या कदम उठाता है क्या विभाग 100 मीटर के दायरे में बनी इमारतों को अवैध करार देते हुए कोई कदम उठाता है या फिर कल्बे आबिद द्वार को वैध करार देते हुए निर्माण की इजाज़त देगा