टिकट ब्लैकिंग, असामाजिक तत्वों की मौजूदगी और बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव
मौदहा हमीरपुर। रागौल रेलवे स्टेशन पर इन दिनों अव्यवस्थाएं चरम पर हैं। संविदा कर्मियों की लापरवाही और मिलीभगत से जहां एक ओर टिकट ब्लैकिंग खुलेआम की जा रही है, वहीं दूसरी ओर स्टेशन परिसर असामाजिक तत्वों का अड्डा बनता जा रहा है। यात्रियों को न तो बुनियादी सुविधाएं मिल रही हैं, न ही स्टेशन पर पर्याप्त सुरक्षा का इंतज़ाम है।
इलाहाबाद (प्रयागराज) स्थित वरिष्ठ रेलवे प्रबंधक को भेजे गए एक शिकायती पत्र में बताया गया है कि रिजर्वेशन काउंटर खुलने से पहले ही अधिकतर टिकट संविदा कर्मियों द्वारा ब्लैक में ऊंचे दामों पर बेच दिए जाते हैं। इससे आम यात्रियों को समय पर टिकट नहीं मिल पाते और उन्हें दलालों के पास जाकर महंगे दामों पर टिकट खरीदने को मजबूर होना पड़ता है।
शिकायत में यह भी उल्लेख है कि संविदा कर्मचारी आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को परिसर में बुलाकर बैठाते हैं और स्टेशन से जुड़ी जानकारी भी साझा करते हैं, जिससे स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
स्टेशन परिसर में सीसीटीवी कैमरे तो हैं, लेकिन उनकी निगरानी व्यवस्था सक्रिय नहीं है। आए दिन चोरी, झगड़े और अन्य घटनाएं घटती रहती हैं, जिन पर नियंत्रण के लिए कैमरों की निगरानी अनिवार्य बताई गई है।
इसके अतिरिक्त, यात्रियों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं है और एलईडी डिस्प्ले बोर्ड भी प्रयाप्त संख्या में नहीं हैं, जिससे उन्हें अपने कोच और बर्थ ढूंढने में परेशानी होती है।
स्टेशन के अंडरपास, विशेषकर गेट नंबर 19 और 20 में भारी अंधेरा और जलभराव हमेशा बना रहता है, जिससे बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को दुर्घटना का डर बना रहता है।
शिकायतकर्ता ने यह भी मांग की है कि बीमार, वृद्ध और दिव्यांग यात्रियों के लिए ऑक्सीनेटर अथवा व्हीलचेयर जैसी सुविधा उपलब्ध कराई जाए, जिससे वे एक प्लेटफॉर्म से दूसरे तक आसानी से जा सकें।
यात्री ने रेलवे प्रशासन से मांग की है कि इन समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाए।