बिहार बोर्ड के 12वीं के रिजल्ट अभी कुछ ही देर में आने वाले हैं। ऐसे में जिन बच्चों के रिजल्ट आने वाले हैं वे भविष्य के बारे में सोच-सोचकर काफी परेशान (Exam Result Anxiety in Kids) होने लगते हैं। इसके कारण कई बच्चों में एंग्जायटी की समस्या भी हो सकती है। इसलिए हम यहां 5 टिप्स बता रहे हैं जिनकी मदद से आप बच्चों की एंग्जायटी कम कर सकते हैं।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) की ओर से 12th (इंटरमीडिएट) बोर्ड एग्जाम का रिजल्ट आज दोपहर 1 बजकर 15 मिनट पर जारी किया जाएगा। ऐसे में एग्जाम के रिजल्ट आने से पहले बच्चों में एंग्जायटी और तनाव का होना एक आम समस्या है। कई बच्चे रिजल्ट को लेकर इतने ज्यादा स्ट्रेस (Exam Result Anxiety in Kids) में आ जाते हैं कि उनकी नींद, खान-पान और मेंटल हेल्थ तक प्रभावित होने लगता है
यह चिंता न केवल उनके आत्मविश्वास को कम करती है, बल्कि भविष्य में उनकी परफॉर्मेंस पर भी नेगेटिव प्रभाव डाल सकती है। ऐसे में, माता-पिता और टीचर्स की भूमिका बच्चों को इस दौर से सही तरीके से गुजरने में मदद करने की होती है। आइए जानते हैं 5 ऐसे तरीके (Exam Stress Relief Tips), जिनसे बच्चों की इस चिंता को कम किया जा सकता है।
रिजल्ट का स्ट्रेस कैसे कम करें? (How To Reduce Exam Result Stress)
खुलकर बात करें और इमोशन्स को समझें
बच्चों की चिंता को कम करने का सबसे पहला और अहम तरीका है उनसे खुलकर बात करना। अक्सर बच्चे अपने मन की बात माता-पिता या टीचर्स से शेयर नहीं कर पाते, जिससे उनकी चिंता बढ़ती जाती है। ऐसे में, उन्हें यह बताना जरूरी है कि परीक्षा के रिजल्ट जो भी हो, उनकी कोशिश की सराहना की जाएगी। उनकी भावनाओं को समझें और उन्हें यह एहसास दिलाएं कि रिजल्ट उनकी काबिलियत का पैमाना नहीं है।
पॉजिटिव एक्टिविटीज में शामिल करें
रिजल्ट का इंतजार करते समय बच्चों का ध्यान दूसरी पॉजिटिव चीजों की ओर लगाना चाहिए। उन्हें उनके पसंदीदा खेल, किताबें पढ़ने, म्युजिक सुनने या किसी क्रिएटिव काम में बिजी रखें। इससे उनका मन अच्छा रहेगा और वे ज्यादा सोचने से बचेंगे।
योग और मेडिटेशन की आदत डालें
तनाव कम करने के लिए योग और मेडिटेशन बहुत असरदार तरीके हैं। बच्चों को प्रतिदिन कुछ मिनट ध्यान लगाने या आसान योगासन करने के लिए प्रेरित करें। इससे उनका मन शांत होगा और वे रिजल्ट को लेकर होने वाली नेगेटिव सोच से दूर रहेंगे।
तुलना करने से बचें
कई बार माता-पिता या टीचर अनजाने में ही बच्चों की तुलना दूसरों से कर देते हैं, जिससे उनका आत्मविश्वास कम होता है। बच्चों को यह समझाएं कि हर व्यक्ति की अपनी अलग योग्यता होती है और किसी दूसरे से तुलना करना उचित नहीं है। उन्हें उनकी खुद की प्रोग्रेस पर ध्यान फोकस करने के लिए मोटिवेट करें।
भविष्य के लिए प्लान बनाएं
बच्चों को यह समझाना जरूरी है कि एग्जाम रिजल्ट चाहे जो भी हो, उनके सामने हमेशा नए अवसर मौजूद हैं। उनके साथ मिलकर भविष्य की योजनाएं बनाएं और उन्हें बताएं कि असफलता भी सीखने का एक हिस्सा है। अगर रिजल्ट उनकी उम्मीदों के हिसाब से नहीं आता, तो उन्हें हिम्मत दें और आगे बेहतर करने के लिए प्रेरित करें।