डा सोनेलाल पटेल के मिशन को आगे बढा रही अनुप्रिया पटेल : जवाहर

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अवधनामा संवाददाता

प्रयागराज। अपना दल एस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पिछडा वर्ग आयोग के सदस्य जवाहर लाल पटेल ने आज कहा कि इस मनुष्य जीवन में श्ववांस के बाद सबसे अधिक कीमती कोई चीज है तो वह है मनुष्य का विचार, राजनैतिक एवं आध्यात्मिक सोच के साथ इस हिंदुस्तान में कोई महापुरुष के रूप में जन्म लिया था तो वह रहे अपना दल के संस्थापक डॉ सोनेलाल पटेल उनके विचारों के अनुभव की क्या विशेषता थी। उन्होंने कहा कि
जहां तक हमारा अनुभव है कि डॉ सोनेलाल पटेल के विचार और उनकी सोच का जवाब किसी के पास नहीं है फर्क हुआ है तो केवल एक बात का हुआ था कि कुछ लोग गंभीरता से उनके विचारों को समझने का प्रयास नहीं किया हमेशा साथ में रहने के बाद भी जबकि डॉ पटेल के रहने के बाद भी नजदीक बताते थे और आज भी डॉ पटेल का खास कहां करते हैं कारण केवल एक था कि जब डॉ पटेल से कुछ लोगों की कमी की बात किया जाता था तो डॉ पटेल कहा करते थे कि आज नहीं तो कल समझ जाएंगे। उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसे ही होते हैं लेकिन वह लोग ना तो डॉ पटेल के रहने पर समझ पाए ना तो उनके न रहने पर भी उनके विचार उनके समझ में आया है और ना आगे भी कभी उनके समझ में आएगा क्योंकि जब डॉ पटेल अपने विचारों के साथ कुछ लोगों को लेकर संगठन की शुरुआत किया तो कुछ लोग अपने निजी स्वार्थ में डॉ पटेल के साथ लग गए कुछ लोग स्वार्थ दूर दिखाई देने के कारण  डा पटेल को छोड़कर भाग गए । श्री पटेल ने कहा कि कुछ लोग अपना उल्लू सीधा करने के लिए लगे रहे और बड़ी-बड़ी बातें करना, सफाई देना, तारीफ करना और संगठन के साथ धोखा देना, दल के साथ धोखा देते हुए अपना उल्लू सीधा करते रहे।
अपना दल एस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष  पटेल ने कहा कि आज भी वह अपना काम कर रहे हैं यही सबसे अहम कारण रहा कि डॉ पटेल अपने समय में सांसद और विधायक नहीं बन पाए। कहा कि यदि डॉ पटेल ऐसे लोगों के चंगुल में न फंसे होते तो आज यह दिन देखने को ना मिलता कि डॉ पटेल हमारे बीच में नहीं है वह दिन सामने से हट गया होता लेकिन ना तो उनके बीच से डॉ पटेल निकल पाए ना तो उनको उस बीच से निकलने दिया गया। कहा कि आज बड़े दु:ख का दिन है कि डॉ पटेल हमारे बीच में नहीं है। उन्होंने कहा कि डॉ पटेल के ना रहने पर हम लोगों के बीच एक सौभाग्य दिखाई  पडी जिससे हृदय का दर्द कुछ कम हुआ वह है डॉ पटेल की बेटी, पार्टी को आगे बढाने वाली केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल है। उन्होंने कह कि केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के आगे आने से और उनका विचार सुनने से एहसास हुआ कि जैसे दूसरे डॉ सोनेलाल पटेल का जन्म हो गया हो लेकिन इस बात को सब नहीं समझ पाए जैसे डॉक्टर को नहीं समझ पाए उसी तरह अनुप्रिया पटेल को भी ना समझने का प्रयास किया था  लेकिन डॉ पटेल और उनकी बेटी अनुप्रिया पटेल में एक गंभीर अंतर मिला।  उन्होंने डॉ पटेल के ‌ना रहने के बाद जब संगठन की जिम्मेदारी में आई तो लगता है कि बहुत गंभीरता से विचार किया जिससे कुछ लोगों के अंदर एक अद्भुत सोच दिखाई देने लगी क्योंकि जिस घेरे में डॉ पटेल फंसे थे उससे अनुप्रिया पटेल दूर रहने का प्रयास किया जिसके कारण कुछ लोग अनुप्रिया पटेल जी का विरोध भी करते हैं ऐसा एहसास होता है क्योंकि डॉ पटेल का सपना जो अधूरा है उसको अनुप्रिया पूरा करने के रास्ते पर बढती हुई दिखाई दे रही है यही कारण हो सकता है क्योंकि अनुप्रिया पटेल जी के विचारों से  एहसास होता है कि गलत विचारों के लोगों को सही विचार से चलने के लिए  जोर देकर कहती हैं और इमानदारी से संगठन में कार्य करने की बात करती है जिससे कुछ लोगों को बुरा लगता है जिससे यह एहसास है कि उनके परिवार में विवाद पैदा कर दिया गया जबकि ना तो विवाद है ना तो होना चाहिए क्योंकि कुछ लोगों को संगठन के आगे जाने से कोई मतलब नहीं है उनको अपना उल्लू सीधा करना उनका असली मकसद है जबकि संगठन एक सोच एक विचार एक राय से चलता है लेकिन इस समय ऐसा नहीं है ना तो कुछ लोग ऐसा होने देना चाहते हैं जब तक अच्छे और खराब की पहचान नहीं होगी तब तक ना तो परिवार चलता है ना तो संगठन चलता है इसलिए आगे बढ़ने के लिए सही और गलत पर विचार करना जरूरी है यही है मूल बिंदु ।

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