सरकार का महिला विरोधी चेहरा हुआ उजागर,महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने में नाकाम रहा चीन

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बीजिंग। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी भले ही अपनी स्थापना के 100 साल पूरे होने का जश्न मना रही हो, लेकिन हकीकत यह है कि चीन में महिलाओं की स्थिति बेहद दयनीय है। उन्हें उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। ‘द न्यूयार्क पोस्ट’ की रिपोर्ट के अनुसार, आठ बच्चों की मां, जो इस साल जनवरी में गर्दन से एक बाहरी शेड में जंजीर से बंधी हुई दिखाई दे रही थी, ने महिलाओं के साथ देश में हो रहे व्यवहार को लेकर तीखी प्रतिक्रया व्यक्त की।

चीनी सरकार ने जारी किए विरोधाभासी बयान

महिला की कहानी सार्वजनिक होने के बाद स्थानीय चीनी सरकार ने पांच विरोधाभासी बयान जारी किए। उसने गांव को तुरंत सील कर दिया, टिप्पणियों को शांत करा दिया और सच्चाई का पता लगाने की कोशिश करने वाले नेटिजन्स को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि अभी तक इस बात की जानकारी नहीं हो पाई है कि जंजीर से बंधी महिला आजाद है या नहीं।

पिछले महीने चीनी शहर तांगशान में एक रेस्तरां के बाहर महिलाओं के एक समूह पर हुए हमले ने चीन में महिलाओं की दयनीय स्थिति को दुनिया के सामने फिर से उजागर कर दिया।
10 जून को बारबेक्यू रेस्तरां के सीसीटीवी फुटेज में दिखाई देता है कि एक व्यक्ति मेज पर बैठी कुछ महिलाओं के पास आता है और उनकी पीठ पर हाथ रखता है।
जब महिलाएं इसका विरोध करती हैं तो वह उन्हें थप्पड़ मारने लगता है और बाल पकड़कर सड़क पर घसीटने लगता है।
कुछ ही समय बाद उस व्यक्ति के दोस्त भी वहां आ गए।
उन्होंने भी महिलाओं के साथ मारपीट की और उन्हें सड़क पर ले गए।
पुलिस ने नहीं की कार्रवाई

‘द जेनेवा डेली’ की रिपोर्ट के अनुसार, लोगों ने घटना की सूचना तुरंत पुलिस को दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। घटना के 15 घंटे बीतने के बाद वीडियो के वायरल होने पर पुलिस संदिग्धों को गिरफ्तार करने में जुट गई। इस घटना की सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना हुई। लोगों ने पुलिस पर देश की महिलाओं की सुरक्षा के लिए पर्याप्त उपाय नहीं करने का आरोप लगाया।

पिछले साल अल जजीरा ने सीसीपी के शताब्दी समारोह के अवसर पर चीनी राजनीति में महिलाओं के प्रतिनिधित्व की वर्तमान स्थिति के बारे में एक सर्वेक्षण किया था, जिसके निष्कर्ष काफी गंभीर थे।
सीसीपी के लगभग 92 मिलियन सदस्यों में से केवल 28 मिलियन से भी कम महिलाएं हैं।
ये 30 प्रतिशत से भी कम हैं।
1949 में पार्टी के सत्ता में आने के बाद एक बार भी चीन की शीर्ष राजनीतिक संस्था, सात सदस्यीय पोलित ब्यूरो स्थायी समिति में एक भी महिला को नियुक्त नहीं किया गया है। देश की शीर्ष नेता बनने की तो बात ही छोड़ दीजिए।
71 वर्षीय उप प्रधानमंत्री सुन चुनलान (Sun Chunlan), पोलित ब्यूरो, 25 सदस्यीय पैनल जो स्थायी समिति को रिपोर्ट करती है, में शामिल एकमात्र महिला हैं।
महिलाओं के कोटा पर भी पुरुषों का कब्जा

स्थानीय सरकारों में, यह लिंग अंतर कोई कम नहीं है। जर्मनी में मर्केटर इंस्टीट्यूट फार चाइना स्टडीज के एक विश्लेषक वालेरी टैन के अनुसार, प्रांतीय, नगरपालिका और काउंटी स्तर के नेतृत्व के 10 प्रतिशत पदों को महिलाओं के लिए आरक्षित माना जाता है, लेकिन पुरुषों के गहरी पैठ के कारण उन्हें यह कोटा शायद ही कभी मिलता हो। सरकार या पार्टी सचिव के प्रमुख के रूप में काउंटी स्तर के पदों पर महिलाएं केवल 9.33 प्रतिशत हैं, जो शहरों में 5.29 प्रतिशत और प्रांतीय स्तर पर 3.23 प्रतिशत तक कम हो जाती हैं।

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