Aurangzeb Makbara Row विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसे हिंदू संगठनों ने चेतावनी भी दी है कि अगर औरंगजेब के मकबरे को सरकार नहीं हटाती है तो लोग अयोध्या की तरह कारसेवा करेंगे। मकबरे की सुरक्षा के मद्देनजर शहर में भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया है। भाजपा विधायक टी राजा सिंह ने कहा कि महाराष्ट्र के हिंदू चाहते हैं कि औरंगजेब की कब्र राज्य से मिटा दी जाए।
महाराष्ट्र के संभाजीनगर जिले में मौजूद औरंगजेब की मकबरे (Aurangzeb Makbara) को हटाने को लेकर प्रदर्शन काफी तेज हो चुकी है। बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने मुगल शासक के कब्र को हटाने की गुजारिश की है।
हिंदू संगठनों ने चेतावनी भी दी है कि अगर औरंगजेब के मकबरे को सरकार नहीं हटाती है तो लोग अयोध्या की तरह ‘कारसेवा’ करेंगे। मकबरे की सुरक्षा के मद्देनजर शहर में भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया है।
हमारा संकल्प है कि औरंगजेब की कब्र हटे: टी राजा सिंह
महाराष्ट्र के पुणे में एक कार्यक्रम में बोलते हुए तेलंगाना के भाजपा विधायक टी राजा सिंह ने रविवार को कहा, “महाराष्ट्र के हिंदू चाहते हैं कि औरंगजेब की कब्र राज्य से मिटा दी जाए। औरंगजेब की कब्र कब टूटेगी? अब मेरा एक ही संकल्प है – भारत को ‘हिंदू राष्ट्र’ बनाना और औरंगजेब की कब्र हटाना।
बता दें कि महाराष्ट्र के कई जिलों में तहसीलदारों और जिलाधिकारियों के दफ्तर पर वीएचपी और बजरंग दल के कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं।
बजरंग दल के संभाजी नगर के नेता नितिन महाजन ने कहा कि औरंगजेब ने लाखों की हत्याएं कीं। हजारों मंदिर तोड़े। काशी मथुरा के मंदिर और लाखों गायों की हत्या की क्रूर शासक की महिमा मंडित करने का काम बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। औरंगजेब की कब्र को हटाया जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर कब्र नहीं हटाई गई तो वे बाबरी की तर्ज पर उसे हटा देंगे।
अबू आजमी ने औरंगजेब को बताया था कुशल शासक
हाल ही में महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी नेता अबू आजमी के कुछ दिनों पहले औरंगजेब को एक कुशल शासक बताया था। उन्होंने कहा था कि औरंगजेब ने मंदिर के साथ-साथ मस्जिद भी तुड़वाए थे। सपा नेता के बयान पर सियासी हंगामा खड़ा हो गया था। मामले ने जब तूल पकड़ा तो अबू आजमी ने अपने बयान को वापस ले लिया।
सुप्रिया सुले ने मामले पर क्या कहा?
वहीं, औरंगजेब के मकबरे को हटाने के मामले पर एनसीपी (शरद गुट) सांसद सुप्रिया सुले ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि ये मुद्दा किसी पार्टी नहीं, बल्कि इतिहास से जुड़ा है। मुझे नहीं लगता है कि इस मामले में किसी भी नेता को हस्तक्षेप करना चाहिए। इतिहासकार इस मुद्दे पर बात कर सकते हैं। मैं महाराष्ट्र सरकार से आग्रह करूंगी इस पर इतिहासकारों से राय लेकर ही कुछ करना चाहिए।