बिजली कटौती से नाराज उपभोक्ताओं ने किया विधुत उपकेंद्र का घेराव

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अवधनामा संवाददाता

सूरतगंज,बाराबंकी: एक सप्ताह से  लो-वोल्टेज, मनमानी बिजली कटौती  और अक्सर 33 हजार लाइन के ब्रेक डाउन होने से परेशान उपभोक्ताओं ने घंटों बिजली उपकेंद्र का घेराव किया।  उपभोक्ताओं ने प्रदर्शन और नारेबाजी भी की। एग्जीक्यूटिव इंजीनियर और जूनियर इंजीनियर ने लोगों से दूरभाष पर वार्तालाप की। उन्होंने शीध्र विद्युत  आपूर्ति चालू होने का अश्वासन दिया।जिसके बाद प्रर्दशनकारी शांत होकर वापस चलें गए। चौकी प्रभारी पुलिस बल के साथ मौजूद रहे।
मंगलवार की दोपहर प्रर्दशनकारियों ने सूरतगंज उपकेंद्र का घेराव किया। प्रर्दशनकारियों मुकेश शुक्ला, नितिन तिवारी, रोहित कुमार, सुधीर गुप्ता, राहुल गुप्ता, विकास निगम, हितेश गुप्ता, विपिन कुमार, राजेश कुमार आदि का आरोप था कि पिछले एक सप्ताह से बिजली ने उपभोक्ताओं को परेशान कर रखा है। बिजली आपूर्ति का कोई रोस्टर निश्चित नहीं है।विद्युत आपूर्ति कब चालू हो जाए, और कब बंद हो इसका भी कोई अतापता नहीं है। पिछले कई दिनों से चौबीस घंटे में  केवल तीन से चार घंटे आपूर्ति दी जा रही है। कभी तैतीस हजार ब्रेक डाउन होने की बात, तो कभी लोकल फाल्ट होने की बात कहकर घंटों ही बिजली गुल कर दी जाती है। यही नहीं विद्युत आपूर्ति बाधित होते ही जिम्मेदार एवं अधिकारीगण फोन पहुंच से बाहरकर बंद कर लेते हैं।फोन उठाना मुनासिब भी नहीं समझते। व्यापार के साथ ही सिंचाई एवं घरेलू कार्य भी बाधित हो रहे हैं। आक्रोशित ग्रामीणों ने उपकेंद्र पर घंटों प्रर्दशन भी किया। नारेबाजी करते हुए ताला बंद कर देने चेतवानी भी दी। लाइनमैनों ने आक्रोश बढ़ता देख इसकी सूचना यूपी 112, चौकी सूरतगंज पर दी।पुलिस बल के साथ पहुंचे चौकी इंचार्ज पीएन तिवारी भी ग्रामीणों को समझने का प्रयास किया परन्तु प्रर्दशनकारी शांत नहीं हुए, तब उन्होंने बिजली अधिकारी एक्सईएन डीके यादव और जेई बीडी यादव से वार्तालाप की। उन्होंने 33 हजार ब्रेक डाउन होने की बात कही, और लोगों को आश्वस्ति भी किया। कि शीध्र ही विद्युत आपूर्ति सुचारू रूप संचालित कर दी जाएगी।तब प्रर्दशनकारी शांत हुए और वापस चले गए। बिजली आपूर्ति ने पिछले एक सप्ताह से उपभोक्ताओं को रुला रखा है। सूरतगंज, जिगनी, हेतमापुर, रानीगंज एवं मोहम्मदपुर खाला पांच फीडर के करीब तीन सौ गांव के लोग  घंटों अंधेरे में रहने व गर्मी से व्याकुल होने को मजबूर हैं। इन्हें सिर्फ चार से पांच घंटें ही आपूर्ति मिल रही है।दिन और रात की बिजली कटौती से जन जीवन भी अस्त व्यस्त है।
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