अवधनामा संवाददाता हिफजुर्रहमान
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5 की रिपोर्ट में जनपद में एनीमिया में हुआ सुधार
गर्भवती और किशोरियां खानपान का रखें ख्याल- सीएमएस
हमीरपुर : रक्ताल्पता कोई बीमारी नहीं लेकिन कई बीमारियों की वजह बन सकती है। समय रहते खानपान को व्यवस्थित करना और कुछ बुरी आदतों से तौबा करके इस समस्या से बचा जा सकता है। अक्सर किशोरियों और महिलाओं को रक्ताल्पता (एनीमिया) की शिकायत होती है, लेकिन राहत की बात है कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5 के अनुसार जनपद में इसमें तेजी से सुधार हुआ है।
जिला महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ.फौजिया अंजुम नोमानी बताती हैं कि गर्भवती महिलाओं और किशोरियों में एनीमिया की समस्या ज्यादा होती है। गर्भवती महिलाओं को प्रसव काल के दौरान खानपान का विशेष ख्यान रखना चाहिए। नियमित रूप से चेकअप कराते रहना चाहिए ताकि एनीमिया से बची रही। एनीमिया कोई बीमारी नहीं है बल्कि एक ऐसी अवस्था है जो शारीरिक रूप से व्यक्ति की क्षमता को प्रदर्शित करती है लेकिन अगर समय रहते निदान नहीं किया गया तो कई बीमारियों की वजह बन जाती है।
क्या कहते हैं आंकड़ें
वर्ष 2015-16 में हुए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-4 में 15 से 19 साल की 55.7 प्रतिशत किशोरियां एनीमिया से ग्रसित थी। इसके बाद वर्ष 2019-21 में हुए पांचवें सर्वे में यह आंकड़ा घटकर 49.7 प्रतिशत पर पहुंच गया। इसी सर्वे में 15 से 49 वर्ष की 50.9 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं एनीमिया से ग्रसित मिली थी। पांचवें सर्वे में इसी कमी में आई और प्रतिशत घटकर 34.5 पर पहुंच गया। इसी आयुवर्ग की गैर-गर्भवती महिलाओं का प्रतिशत 51.8 से घटकर 46.4 प्रतिशत पर पहुंच चुका है।
किशोरों में भी मिल रहे एनीमिया के केस
आरबीएसके के नोडल अधिकारी डॉ.एलबी गुप्ता ने बताया कि वर्ष 2022-23 में टीमों ने स्कूल-कॉलेज में 18 साल तक के किशोर-किशोरियों की कैंप लगाकर स्क्रीनिंग की। जिसमें एनीमिया से संबंधित 9105 मामलों को रेफर किया गया। इनमें 398 किशोर-किशोरियां गंभीर एनेमिक मिले। खास बात यह है कि इनमें 213 किशोर और 185 किशोरियां थी।
तीन प्रकार का एनीमिया, दवाओं से करते दूर
आरबीएसके के नोडल अधिकारी ने बताया कि एनीमिया के तीन प्रकार हैं, अल्प, मध्यम और गंभीर। आरबीएसके आठवीं तक के बच्चों की दवा बीआरसी और इण्टर के बच्चों की दवा कॉलेज को उपलब्ध कराती है। स्कूल न जाने वाले किशोरियों की दवा सीडीपीओ कार्यालय के माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्रों तक पहुंचती है। प्रत्येक आंगनबाड़ी और स्कूल से एक शिक्षक को प्रशिक्षित किया जाता है।
एनीमिया के लक्षण
कमजोरी, आसानी से थक जाना, पीली त्वचा, सांस की तकलीफ, बार सिरदर्द होना, चिड़चिड़ा व्यवहार, फटी या लाल जीभ, भूख में कमी, खाने की अजीब सी लालसा।
कारण
भोज्य पदार्थों में आयरन की कमी।
शरीर से लगातार रक्तास्राव होना।
सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे विटामिन बी-12, फोलिक एसिड की कमी, विटामिन सी की कमी।
महावारी के दौरान अधिक रक्तस्राव।
क्या करें
पौष्टिक आहार लें, नियमित तौर पर शारीरिक व्यायाम करें, फिट और स्लिम रहें, खाने में मौसमी फलों को शामिल करें।
क्या न करें
रिफाइंड और प्रोसेस्ड फूड न खाएं, अंगूर, मक्का, या ज्वारी जैसे टैनिन वाले खाद्य पदार्थ न खाएं, खाने के साथ चाय या कॉफी न पिएं, शराब या धूम्रपान का सेवन न करें
सामान्य हीमोग्लोबिन स्तर
पुरुष- 13.8 से 17.2 ग्राम
महिला- 12.1 से 15.1 ग्राम
बच्चे-11 से 16 ग्राम
गर्भवती महिलाएं- 11 से 15.1 ग्राम