अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग द्वारा कोविड-19 के दौरान आईसीटी शिक्षा संबंधी कौशल पर दो दिवसीय आनलाईन कार्यशाला आयोजित की गई।
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में बीजक भाषण प्रस्तुत करते हुए जामिया मिल्लिया इस्लामिया नई दिल्ली के सेंटर फार डिसटेंस एण्ड ओपन लर्निंग के निदेशक प्रोफेसर अहरार हुसैन ने कहा कि कोविड-19 महामारी के समय शिक्षक शिक्षण कार्य में प्रौद्योगिकी का सबसे प्रभावी तरीके से उपयोग करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने ई-पाठशाला, स्वयम आदि प्लेटफार्मों के माध्यम से ज्ञान के प्रसार में आईसीटी की भूमिका को रेखांकित करते हुए कोविड-19 महामारी के दौरान मोबाइल लर्निंग तथा वर्चुअल क्लास रूप के उपयोग पर भी प्रकाश डाला।
अध्यक्षीय संबोधन में एएमयू के सामाजिक विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता प्रोफेसर निसार अहमद ख़ान ने कहा कि तकनीक और शिक्षा विज्ञान के साथ आने पर शिक्षा संबंधी कौशल को और अधिक बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी और शिक्षा शास्त्र के एक साथ आने से तकनीकी शैक्षणिक कौशल विकसित होता है जो शिक्षा को बेहतर तरीके से सीखने का अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों द्वारा प्रौद्योगिकी का प्रयोग छात्रों के लिए सफलता की कुंजी है।
स्वागत भाषण शिक्षा विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर नसरीन ने दिया। आभार कार्यशाला के समन्वयक प्रोफेसर साजिद जमाल ने जताया।
कार्यशाला को प्रोफेसर एमएन मोहम्मदुनी (केरल), डा० मोहम्मद मामूर अली (जामिया मिल्लिया), डा० निशा सिंह (इग्नू, दिल्ली), प्रोफेसर अनुभूति यादव (इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मास कम्यूनिकेशन दिल्ली) तथा प्रोफेसर अमरेन्द्र प्रसाद बेहरा (एनसीइआरटी) नई दिल्ली के अलावा स्थानीय वक्ताओं ने भी संबोधित किया। कार्यशाला में इंटरएक्टिव सत्र भी आयोजित किया गया।
समापन समारोह में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के प्रोफसर वसीम ए० ख़ान मुख्य अतिथि के रूप में शरीक हुए। जामिया की डा० महनाज़ अंसारी और लखनऊ के डा० शह मोहम्मद खान ने कार्यशाला का सारांश प्रस्तुत किया।
आयोजन सचिव डा० शाज़िया मंसूरी ने समापन समारोह में आभार जताया।
AMU : के शिक्षा विभाग द्वारा कोविड-19 के दौरान आईसीटी शिक्षा संबंधी कौशल पर दो दिवसीय आनलाईन कार्यशाला
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