नई दिल्ली (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के बयान पर पलटवार किया है। चिदंबरम ने सीएए, तीन न्यायिक कानून और अन्य कानूनों को विपक्ष की सरकार बनने पर रद्द किए जाने की बात कही थी। शाह ने इसे तुष्टीकरण की राजनीति बताया ।
शाह ने सोशल मीडिया एक्स पर पी चिदंबरम के बयान पलटवार करने वाला अपना बयान साझा किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को बताना चाहिए की सीएए से क्या आपत्ति है। इससे किसी की नागरिकता नहीं छिनी जा रही है। कांग्रेस केवल तुष्टीकरण की राजनीति और वोटबैंक के लिए इसे निरस्त करना चाहती है। उन्होंने कहा कि उनके इरादे पूरे नहीं होंगे। कांग्रेस न तो सत्ता में आने वाली है और न ही निर्णय लेने वाली है।
कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के बयान पर केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 1960 के दशक से कांग्रेस ने चुनाव जीतने के लिए तुष्टीकरण की राजनीति को अपना हथियार बनाया। हम वर्षों से इसके खिलाफ लड़ते रहे। 2014 के बाद से पीएम मोदी ने लोगों के बीच विकास का एजेंडा तय किया और उसी के आधार पर देश में चुनाव शुरू हुआ। अब कांग्रेस को विकास के आधार पर चुनाव लड़ने में दिक्कत हो रही है, वे लगातार चुनाव हार रहे हैं।
अमित शाह ने कहा कि तीन कानूनों (आपराधिक कानून) को पर विचार के लिए बनी समिति में स्वयं चिदंबरम थे। उन्होंने कई बार सकारात्मक सुझाव दिये और उनकी सराहना भी की। हम तीन कानूनों से देश की आपराधिक न्याय प्रणाली को दुनिया में सबसे आधुनिक बनाएंगे लेकिन कांग्रेस भ्रष्टाचार के मामलों का परिणाम नहीं चाहती। वह (कांग्रेस) चाहती है कि न्याय लंबित रहे लेकिन भाजपा और नरेंद्र मोदी की नीतियां स्पष्ट है। देश का हर नागरिक को कम से कम समय में न्याय पाने का संवैधानिक अधिकार है। हम ऐसा करने के लिए समर्पित हैं।
अमित शाह ने कहा कि वे देश के लोगों को आश्वासन दिलाते हैं कि सीएए रहेगा और तीन (आपराधिक) कानून लागू होंगे। 3 साल के अंदर हर नागरिक को न्याय मिलेगा। ऐसी न्याय व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। हर शरणार्थी को नागरिकता मिलेगी इसके बारे में कोई संदेह नहीं है।
रविवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने बयान में कहा था कि वे घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष हैं। भले ही उसमें सीएए का उल्लेख नहीं किया गया लेकिन पार्टी सत्ता में आने पर इन्हें रद्द करेगी।