केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह शनिवार को नई दिल्ली में राजभाषा हीरक जयंती समारोह एवं चौथे अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करेंगे। राजभाषा विभाग हिंदी के राजभाषा बनने के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 14-15 सितंबर को नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में चौथा अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन आयोजित कर रहा है।
राजभाषा हीरक जयंती के अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री ‘राजभाषा भारती’ पत्रिका के हीरक जयंती विशेषांक का विमोचन करेंगे। हीरक जयंती को यादगार बनाने के लिए अमित शाह एक स्मारक डाक टिकट और सिक्का भी जारी करेंगे। गृह मंत्री इस अवसर पर राजभाषा गौरव और राजभाषा कीर्ति पुरस्कार भी प्रदान करेंगे। इसके साथ ही कुछ और पुस्तकों और पत्रिकाओं का विमोचन भी करेंगे।
इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री भारतीय भाषा अनुभाग का भी शुभारंभ करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार हिंदी और भारतीय भाषाओं के विकास तथा उनके बीच बेहतर समन्वय पर जोर देते रहे हैं। संविधान की मंशा और प्रधानमंत्री के निर्देश को ध्यान में रखते हुए हिंदी के साथ-साथ भारतीय भाषाओं के प्रयोग को बढ़ावा देने और उनके बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने के उद्देश्य से गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग ने भारतीय भाषा अनुभाग की स्थापना का प्रस्ताव रखा था।
दो दिवसीय चतुर्थ अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन में पिछले 75 वर्षों में राजभाषा, जनभाषा और संपर्क भाषा के रूप में हिंदी की प्रगति पर गहन चर्चा होगी। सम्मेलन के पहले दिन 14 सितंबर को भोजनोपरांत सत्र में ‘राजभाषा हीरक जयंती – 75 वर्षों में राजभाषा, जनभाषा और संपर्क भाषा के रूप में हिंदी की प्रगति’ पर चर्चा होगी। जबकि दूसरा सत्र ‘भारत की सांस्कृतिक विरासत और हिंदी’ होगा, जिसे लोकप्रिय हिंदी कवि और वक्ता डॉ. कुमार विश्वास संबोधित करेंगे।
15 सितंबर को सम्मेलन के तीसरे सत्र में देश के प्रसिद्ध भाषाविद् और कोशकार ‘भाषा शिक्षण में शब्दकोष की भूमिका और देवनागरी लिपि की विशेषता’ विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे। चौथा सत्र तकनीकी युग में राजभाषा हिंदी के कार्यान्वयन में “नगर राजभाषा समिति” का योगदान’ विषय पर होगा। पांचवां सत्र ‘भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023: एक परिचर्चा’ पर होगा, जिसे केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल संबोधित करेंगे। अंतिम सत्र ‘हिंदी भाषा के विकास का सशक्त माध्यम भारतीय सिनेमा’ होगा, जिसे प्रसिद्ध अभिनेता अनुपम खेर और सुप्रसिद्ध फिल्म निर्माता एवं निर्देशक चंद्रप्रकाश द्विवेदी संबोधित करेंगे।
उद्घाटन सत्र में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय और बंदी संजय कुमार, संसदीय राजभाषा समिति के उपाध्यक्ष भर्तृहरि महताब और समिति के अन्य सदस्य, भारत सरकार के सचिव, विभिन्न बैंकों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, दक्षिण भारत के दो हिंदी विद्वान प्रो. एम. गोविंदराजन और प्रो. एसआर सर्राजू तथा हिंदी जगत के दो प्रख्यात विद्वान प्रो. सूर्यप्रसाद दीक्षित और डॉ. हरिओम पंवार उपस्थित रहेंगे। दो दिवसीय सम्मेलन में 10,000 से अधिक प्रतिभागियों के भाग लेने की उम्मीद है, जिसमें देशभर के राजभाषा अधिकारियों के साथ-साथ हिंदी विद्वान और भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे।