यूजी-पीजी के सभी छात्र पढ़ेंगे मानव मूल्य और प्रोफेशनल नैतिकता का पाठ, UGC ने की शुरुआत

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विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने मूल्य आधारित शिक्षा के एक नए चरण की शुरूआत की है। अब से स्नातक (यूजी) व परास्नातक ( पीजी) की पढ़ाई करने वाले प्रत्येक छात्रों को अब कोर्स के साथ मानव मूल्य प्रोफेशनल नैतिकता व वैश्विक नागरिक बनने की भी शिक्षा दी जाएगी। इस सब्जेक्ट की पढ़ाई करने पर स्टूडेंट्स को दो क्रेडिट अंक भी मिलेंगे।

उच्च शिक्षण संस्थान अब सिर्फ कोर्स आधारित शिक्षा ही नहीं देंगे बल्कि वह देश की नई पीढ़ी में मानव मूल्य और प्रोफेशनल नैतिकता का भी पाठ पढाएंगे। स्नातक (यूजी) व परास्नातक ( पीजी) की पढ़ाई करने वाले प्रत्येक छात्रों को अब कोर्स के साथ मानव मूल्य, प्रोफेशनल नैतिकता व वैश्विक नागरिक बनने की भी शिक्षा दी जाएगी। इसकी पढ़ाई करने पर इन्हें दो क्रेडिट अंक भी मिलेंगे। जो न सिर्फ उनकी डिग्री में दर्ज होगा बल्कि इसके जरिए उन्हें किसी अच्छे संस्थान में नौकरी पाने में सहयोगी बनेगा।

यूजीसी ने की शुरुआत

मौजूदा समय में तेजी से बदलते सामाजिक ताने-बाने में जिस तरह से लोगों के मानव मूल्यों व प्रोफेशनल नैतिकता में गिरावट देखने को मिल रही है, उनमें इसकी पढ़ाई इस गिरावट को थामने में बड़ी मददगार बन सकती है। वैसे भी कोई भी संस्थान किसी को नौकरी देने के दौरान जिन पहलुओं को लेकर आश्वस्त होना चाहता है,उनमें योग्यता के साथ हर तरीके की ईमानदारी जैसी नैतिकता का होना जरूरी होता है। यही वजह है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने मूल्य आधारित शिक्षा के एक नए चरण की शुरूआत की है।

इसमें स्नातक के साथ परास्नातक स्तर पर भी इसे दो क्रेडिट अंकों के साथ अनिवार्य रूप से लागू करने को कहा गया है। स्नातक स्तर पर इसे छठवें और आठवें सेमेस्टर में पढ़ाने व परास्नातक स्तर पर अंतिम वर्ष में पढ़ाने की सिफारिश की गई है। यूजीसी से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक मानव मूल्यों और प्रोफेशनल नैतिकता की यह शिक्षा प्रत्येक स्नातक और परास्नातक कोर्स के साथ ही दी जाएगी। दो क्रेडिट अंक के इस कोर्स में एक क्रेडिट अंक थ्योरी का होगा। इसके लिए छात्रों को कुल पंद्रह घंटे पढ़ाई करनी होगी। जिसमें प्रत्येक सप्ताह में एक घंटे की क्लास लगेगी। वहीं दूसरा क्रेडिट अंक प्रैक्टिकल आधारित होगा। जिसके लिए इससे जुड़ी गतिविधियों में तीस घंटे हिस्सा लेना होगा। यानी इसके लिए उन्हें कुल 45 घंटे का समय देना होगा।

इन पर होगा फोकस

समाज में बढ़ती कटुता के बीच नई पीढ़ी को त्याग, प्रेम, करुणा, शांति, सत्य-अंहिसा, सेवा-धर्म, मित्रता की सीख के साथ उन्हें राष्ट्र प्रेम, सामाजिक जुड़ाव के लिए भी प्रेरित किया जाएगा। वहीं व्यावसायिक माहौल में एक पेशेवर की तरह उचित व्यवहार करने, निष्पक्षता, ईमानदारी, जवाबदेही बनाए रखने और वैश्विक नागरिक बनने के लिए जरूरी पहलुओं की सीख दी जाएगी। यह शिक्षा उन्हें ट्रे¨नग, वर्कशाप, गोष्ठियों आदि के माध्यम से दी जाएगी।

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