जिनके कदमों पर चलने को आतुर थे सब युवा,ऐसी दिव्यता से पूर्ण पुरुष ही विवेकानंद थे

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विपरीत मौसम के बीच स्वामी विवेकानंद की जयंती पर  ठेंगहा में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।कवि सम्मेलन का उद्घाटन जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश अग्रहरि ने किया। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद का जीवन‌ दर्शन दुनिया के हर नागरिक के लिए प्रेरणा स्रोत है। युवा संन्यासी स्वामी विवेकानंद ने राम कृष्ण मिशन को अन्तर्राष्ट्रीय पहचान दिलाई। कार्यक्रम कवि सुधीर रंजन द्विवेदी के संयोजन में हुआ। कवि सम्मेलन का शुभारंभ समाजसेवी संजीव कुमार सिंह रामू सिंह कसारा और जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश अग्रहरि ने किया। आयोजन समिति के अध्यक्ष जय प्रकाश मिश्र ने राघवेन्द्र प्रताप सिंह, आशुतोष मिश्र, अनुपम मिश्र, अशोक मिश्र, रसिक तिवारी के साथ समस्त कवियों और अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया।  मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश अग्रहरि ने कहा कि स्वामी विवेकानंद भारतीय संस्कृति के लिए अमूल्य निधि हैं और उनका बताया मार्ग ही सर्वश्रेष्ठ मार्ग है।
 अवधी साहित्य संस्थान के अध्यक्ष डा.अर्जुन पांडेय और कवि सुधीर रंजन द्विवेदी ने मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश मसाला और संजीव सिंह उर्फ रामू सिंह कसारा का अंगवस्त्र पहनाकर सारस्वत सम्मान किया।
 कवि सम्मेलन का शुभारंभ प्रतापगढ से आए वरिष्ठ गीतकार शीतला सुजान की वाणी वंदना से हुआ। युवा कवि दिवस प्रताप सिंह के एक एक मुक्तक को श्रोताओं की सराहना मिली। उनका मुक्तक “दुश्मनेव से हांथ मिलावा करा,दोस्ती करा तव निभावा करा, जिंदगी के कौनो ठिकाना नहीं, सबके के घर आवा जावा करा” खूब सराहा गया।  वरिष्ठ कवि रामेश्वर सिंह ‘निराश’ ने अवधी में सामाजिक एकता पर आधारित कई मुक्तक पढ़ें। उनकी रचना ” बड़वार तो है जब माना करी, छोटवार तुहूं हमैं जाना करा” को खूब सराहना मिली।  कवि जगदंबा तिवारी मधुर का गीत “गोरकी मेहरिया लाए, देखें म जैसे चंदा, हमरी उमर की खातिर, सेनुर लगावे लम्बा” को खूब पसंद किया गया।  सुरेश शुक्ल नवीन की ग़ज़लें भी सराही गयी‌। उन्होंने एक एक कर कई मुक्तक पढ़कर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। प्रतापगढ के प्रतिष्ठित साहित्यकार प्रेम कुमार त्रिपाठी की स्वामी विवेकानंद पर आधारित रचना “चमत्कारी भाषण में जिनके शब्द शब्द बुलंद थे, मानव के लक्ष्य को मानते आनन्द थे, जिनके कदमों पे चलने को आतुर थे सब युवा, ऐसी दिव्यता से पूर्ण पुरुष ही विवेकानन्द थे” ने कार्यक्रम की सार्थकता सिद्ध की। देश के प्रतिष्ठित गीतकार शीतला सुजान के गीत को जमकर सराहना मिली। उन्होंने पढ़ा, “इस जहां में अमीरी गरीबी हैं दो जातियां, और कोई नहीं जाति है, कोई धन से भरा किन्तु तन से गिरा, धन के रहते भी खाने को मोहताज है”‌। अवधी साहित्य संस्थान के अध्यक्ष डा.अर्जुन पांडेय ने पढ़ा, “तिरंगा अउर जवान कै इज्जत दिल से करै का परे, दूनव देशवा कै आन बान शान तौ बचाउबै करे”। कवि सम्मेलन में गीता पांडेय रायबरेली, राम अवध उमराव रायबरेली की रचनाओं पर जमकर सराहना मिली। कवि सम्मेलन का सफल संचालन कवि/पत्रकार सुधीर रंजन द्विवेदी ने किया। कवि सम्मेलन में भाजपा किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष
देवनारायण तिवारी, पूर्व प्रमुख घनश्याम चौरसिया, प्रधान भौसिहपुर रज्जू उपाध्याय, प्रधान बनवीरपुर प्रदीप यादव, सौरभ सिंह, हरिकेश श्रीवास्तव, हरिकेश श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।
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