Saturday, May 17, 2025
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HomeUttar PradeshAzamgarhनयी शिक्षण तकनीक से बच्चों का सर्वांगीण विकास करें - श्रीश अग्रवाल

नयी शिक्षण तकनीक से बच्चों का सर्वांगीण विकास करें – श्रीश अग्रवाल

एक्टिव लर्निंग कार्यशाला का आयोजन किया गया
आजमगढ़। करतालपुर स्थित जीडी ग्लोबल स्कूल में वराणसी सहोदया स्कूल काम्प्लेक्स के तत्वाधान में ‘कैप्सिटी ऑफ बिल्डिंग प्रोग्राम’ के अंतर्गत “एक्टिव लर्निंग” की कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का प्रारंभ विद्यालय के कार्यकारी निदेशक श्रीश अग्रवाल तथा  प्रधानाचार्या श्रीमती दीपाली भुस्कुटे  ने माॅ शारदे की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन से किया। दीप प्रज्वलन के पश्चात विद्यालय के संगीत शिक्षकों द्वारा सुंदर गणेश वंदना की प्रस्तुति दी गयी।  विद्यालय के कार्यकारी निदेशक श्री श्रीश अग्रवाल ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि विद्यालय में  समय-समय पर इस तरह की कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है।  कार्यशालाओं के आयोजन से  शिक्षक अधिक सर्जनात्मक और उर्जावान बनते हैं तथा उन्हें कागजी कार्यवाही के बजाय छात्र पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अधिक समय मिलता है। नयी-नयी शिक्षण तकनीकियों द्वारा बच्चों का सर्वांगीण विकास बहुत ही सहजता के साथ किया जा सकता है।
कार्यशाला में कार्यशाला की प्रशिक्षिका  श्रीमती दीपाली भुस्कुटे ने  कक्षा के विद्यार्थियों को शिक्षण कक्षाओं में एक्टिव रहने के  कई तरीकों का साझा किया। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों को कक्षा में क्रियाशील रखने के लिए समय प्रबंधन, बच्चों की क्रियाविधि में भागीदारी, एक दूसरे के विचारों का सम्मान, उनकी प्रतिपुष्टि आदि बहुत आवश्यक है। कक्षा प्रबंधन के आधारभूत आवश्यक प्रावधानों का भी  उल्लेख करते हुए उन्होंने‌ कहा कि इक्कीसवीं सदी के लिए संचार, गहन समझ, सर्जनात्मकता तथा सहयोग की नितांत आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि बच्चों को संस्कारवान और सर्जनात्मक बनाने से ही देश के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण हो सकता है। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि एक “पारंपरिक” कक्षा में, किसी दिए गए पाठ्यक्रम में केवल कुछ छात्रों के लिए प्रश्न पूछने या उनका उत्तर देने में भाग लेना आम बात है। इसके विपरीत, सफल सक्रिय शिक्षण गतिविधियों वाली कक्षा में कक्षा के सभी छात्रों को पाठ्यक्रम सामग्री के बारे में सोचने और उससे जुड़ने तथा उस सामग्री को सीखने, लागू करने, संश्लेषित करने या सारांशित करने के कौशल का अभ्यास करने का अवसर मिलता है।इस कार्यशाला में कुल तिहत्तर शिक्षक-शिक्षिकाओं ने प्रतिभाग किया।
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