अवधनामा संवाददाता
प्रयागराज । (Prayagraj) समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव व विधायक उज्जवल रमण सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग किया है कि उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी व प्राईवेट नर्सिंग होम, अस्पताल को सभी प्रकार के इलाज के लिए पूर्व की भांति छूट मिले उसपर किसी तरह के नियम ना थोपे जाये सब हर चीज की प्राईज फिक्स हो उसकी लिस्ट अस्पताल के बाहर लगीं होनी चाहिये।ताकि मरीज और उसके परिजनों को मालूम हो कि मुझे किस बीमारी के इलाज के लिए कितना पैसा खर्च करना होगा इससें आये दिन अस्पताल में बिल को लेकर होने वाली लडा़ई झगड़े से भी छूटकारा मिलेगा।
विधायक ने कहा कि कुछ सेलेक्टेड निजी अस्पताल को ही कोरोना इलाज की छूट देने से भ्रष्टाचार को बढा़वा मिलता हैं क्योंकि जैसे ही बेड खाली होते हैं उसकी मुंँहमांगी कीमत लगतीं हैं मजबूरी में लोग अपनी जान बचाने के लिए दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि नियम शिथिल करने से सभी निजी अस्पताल में कोरोना का इलाज होने लगेगा तो सक्षम लोग प्राईवेट मे अपनी सुविधा अनुसार इलाज करायेंगे क्योंकि सक्षम लोग आज सरकारी अस्पताल में भी बेड कि व्यवस्था बना लेते हैं गरीबों को ही नहीं मिल पाता नियम मे ढीलाई से गरीबों के लिए सरकारी अस्पताल में बेड उपलब्ध हो सकेंगी।
राष्ट्रीय सचिव ने कहा कि नियमों की बंदिशों की वजह से आज डॉक्टर जनरल ओपीडी नहीं चला रहे हैं जिससें कोविड के आलावा अन्य रोग के मरीजों को बहुत ही परेशानी का सामना करना पड़ रहा है वो इधर उधर भटक रहे हैं उनका इलाज नहीं हो पा रहा है पैसे भी अनापशनाप लग रहे हैं।
विधायक ने मुख्यमंत्री से मांग किया है कि सभी अस्पताल को सभी इलाज के लिए खोल दिया जाय हा प्राईज पर कंट्रोल हो और कोविड गाइडलाइन का पालन हो तो सही सुगम सस्ता इलाज सभी नागरिकों को मिल सके।उन्होंने कहा कि नियम जनता की सहुलियत के लिए होने चाहिए उनकी मजबूरी ना बनें।
पूर्व सपा प्रदेश प्रवक्ता विनय कुशवाहा ने कहा कि कोरोना संक्रमण से हुईं मृत्यु का दाहसंस्कार विधुत शवदाह ग्रह मे हो क्योंकि मृत्यु के बाद जिस तरह से शवों की बेकदरी हो रही हैं वो कमजोर दिल वाले के सहन के बस का नहीं है ।
उन्होंने कहा कि कोरोना दाहसंस्कार के लिए निर्धारित फाफामऊ से लकड़ी के दाम में लूट ,दाहसंस्कार प्रक्रिया और शवों को जलाने को लेकर आये दिन लगातार शिकायत आ रही हैं उससें छुटकारा मिल जायेगा विधुत शवदाह गृह से ससम्मान शवों की अंतेष्टि हो जायेगी।
उन्होंने कहा कि इस महामारी मे इतनी ज्यादा मृत्यु हो रही हैं उसमें लकड़ी का इस्तेमाल उतना ज्यादा उतनी पेड़ों की कटाई और शव जलने पर धुआं से वायु प्रदूषण भी हो रहा है विधुत शवदाहगृह पर्यावरण अनुकूल भी है।