चिकित्सकों का कहना है कि इतनी अधिक मौतें बढ़ती गर्मी का मुख्य कारण हो सकती हैं। जानकारी के मुताबिक 30 मई को 45 और 31 मई को 43 शव पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे जिसमे से 16 अज्ञात हैं। हाल यह है कि अभी तक 18 शवों का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया है। शुक्रवार को भी रात नौ बजे तक पोस्टमार्टम किया गया।
लखनऊ। सामान्य दिनों से चार गुणा अधिक शव पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे तो चिकित्सकों से लेकर कर्मचारी तक परेशान हो गए। दो दिनों में पहुंचे 88 शवों का पोस्टमार्टम करने में भी देरी हुई तो वहीं चिकित्सक भी कम पड़ गए। शुक्रवार रात में अतिरिक्त चिकित्सकों को भी बुलाया पड़ा, फिर भी 18 शवों का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया। इन मौतों का कारण बढ़ती गर्मी बताया जा रहा है।
हालांकि इस पूरी घटना पर जिला प्रशासन से लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी चुप्पी साधे रहे, जबकि पुलिस ने कई शवों को अज्ञात अवस्था में पाया था। दैनिक जागरण की तरफ से पक्ष लेने की कोशिश की गई तो मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने फोन रिसीव नहीं किया और मैसेज भेजने पर भी कोई जवाब नहीं दिया। जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार का कहना है कि उन्हें मुख्य चिकित्सा अधिकारी की तरफ से मौतों व इतने शवों के पोस्टमार्टम पहुंचने की कोई जानकारी नहीं मिली है।
मौतों का कारण?
हालांकि चिकित्सकों का कहना है कि इतनी अधिक मौतें बढ़ती गर्मी का मुख्य कारण हो सकती हैं। जानकारी के मुताबिक 30 मई को 45 और 31 मई को 43 शव पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे, जिसमे से 16 अज्ञात हैं। हाल यह है कि अभी तक 18 शवों का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया है। शुक्रवार को भी रात नौ बजे तक पोस्टमार्टम किया गया, जबकि सामान्य दिनों में सुबह दस से शाम पांच बजे तक ही पोस्टमार्टम होता है।
शुक्रवार को अतिरिक्त चिकित्सकों को भेजने की मांग की गई, जिसके बाद मुख्य चिकित्साधिकारी के यहां से तीन चिकित्सक व फोरेंसिक विभाग की टीम पोस्टमार्टम हाउस पहुंची, जिसमें अज्ञात शवों का पोस्टमार्टम फोरेंसिक विभाग की टीम ने किया।