Ahmedabad Plane Crash: ब्लैक बॉक्स से खुलेगा प्लेन क्रैश का राज, जानें कब और कैसे किया जाएगा डिकोड

0
25

Ahmedabad Plane Crash Black Box अहमदाबाद में हुए विमान हादसे ने पूरे देश को हिला दिया है जिसमें 200 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। दुर्घटना का कारण अभी तक पता नहीं चल सका है। जांच एजेंसियां विमान का ब्लैक बॉक्स ढूंढने में लगी हैं। ब्लैक बॉक्स विमान की ऊंचाई गति और इंजन के प्रदर्शन जैसे तकनीकी डेटा रिकॉर्ड करता है।

अहमदाबाद। बीते दिन अहमदाबाद में हुए विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर दिया। रनवे से टेकऑफ करने के कुछ ही देर में विमान अचानक नीचे गिर गया और एक जोरदार धमाका देखने को मिला, जिसमें 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। विमान हादसे की वजह अभी तक सामने नहीं आई है।

अहमदाबाद प्लेन क्रैश के पीछे अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि, जांच एजेंसियां प्लेन का ब्लैक बॉक्स ढूंढने में लगी हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार, इस हादसे के बाद ब्लैक बॉक्स को ढूंढने और उसे डिकोड करने में कुछ हफ्तों या कुछ महीनों का भी समय लग सकता है।

हादसे के बाद भी सेफ रहता है ब्लैक बॉक्स

सभी विमानों में ब्लैक बॉक्स मौजूद होता है। अगर कोई विमान दुर्घटनाग्रस्त होता है तो ब्लैक बॉक्स की मदद से हादसे की वजह पता करना बेहद आसान हो जाता है। ब्लैक बॉक्स में 2 ऑरेंज क्रैश रेजिस्टेंस डिवाइस होते हैं, जो भीषण आग या पानी के तेज बहाव में भी नष्ट नहीं होते हैं।

ब्लैक बॉक्स क्या है?

ब्लैक बॉक्स में फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) होता है, जो विमान की ऊंचाई, रफ्तार, इंजन की परफॉर्मेंस और कंट्रोल इनपुट जैसे तकनीकि पैरामीटर्स से डील करता है। वहीं कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर (CVR) में पायलट के बीच बातचीत से लेकर रेडियो ट्रांसमिशन और मैकेनिकल साउंड जैसे कॉकपिड ऑडियो रिकॉर्ड हो जाते हैं।

ब्लैक बॉक्स खोलेगा हादसे का राज

ऐसे में हादसे के दौरान क्या पायलट ने फ्लाइट से नियंत्रण खो दिया था? क्या फ्लाइट का इंजन खराब था? आखिरी समय में पायलट्स के बीच क्या बातचीत हुई? प्लेन में क्या तकनीकि खराबी थी? इन सभी सवालों के जवाब ब्लैक बॉक्स में हो सकते हैं। यही वजह है कि प्लेन क्रैश के बाद से ही ब्लैक बॉक्स को ढूंढा जा रहा है, लेकिन अभी तक प्लेन का ब्लैक बॉक्स नहीं मिला है।

ब्लैक बॉक्स कैसे होगा डिकोड?

ब्लैक बॉक्स मिलने के बाद इसे फोरेंसिक लैब में भेजा जाएगा। ब्यूरो ऑफ एअरक्राफ्ट एक्सीडेंट आर्चीव (BAAA) सबसे पहले ब्लैक बॉक्स की जांच करेगा। अगर ब्लैक बॉक्स कहीं से डैमेज होगा, तो इसे रिपेयर किया जाएगा। इसके बाद ब्लैक बॉक्स से ट्रैफिक कंट्रोल रिकॉर्ड समेत फ्लाइट का पूरा डेटा निकाला जाएगा। ब्लैक बॉक्स को डिकोड करने के लिए 3डी कंप्यूटर की मदद ली जाती है। इस प्रक्रिया में कुछ हफ्तों या कुछ महीनों का भी समय लग सकता है।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here