विरुद्ध आहार: सेहत और ब्यूटी को नुकसान पहुंचाने वाला!

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खानपान को लेकर बरती जाने वाली लापरवाहियों का नतीजा हमारे शरीर को भुगतना पड़ता है। जुबां को अच्छी लगने वाली कई सारी चीजें हमारी सेहत के लिए सही नहीं होती। कुछ ऐसे फूड कॉम्बिनेशन्स हैं जिन्हें विरुद्ध आहार माना गया है। मतलब इन्हें खाने के बाद गैस अपच स्किन से जुड़ी परेशानियां का सामना करना पड़ सकता है। जो आगे चलकर गंभीर बीमारियों में तब्दील हो सकती हैं।

हमारे खानपान का सीधा असर हमारी सेहत पर पड़ता है। अच्छी सेहत पाने और उसे बरकरार रखने के लिए खानपान पर विशेष ध्यान देने को कहा जाता है, लेकिन यहां एक और बात जिस पर गौर फरमाने की जरूरत है वो है क्या, कब और कैसे खाना है। अगर आपने ये फंडा समझ लिया, तो आपको कभी भी डॉक्टर के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। वैसे आपको बता दें खानपान का सिर्फ हेल्दी होना ही काफी नहीं है, उसका बैलेंस होना ज्यादा जरूरी है। बैलेंस से मतलब आपके भोजन में फैट, कार्ब्स, मिनरल्स, प्रोटीन, विटामिन्स इन सबकी मात्रा शामिल होनी चाहिए। आयुर्वेद शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए विरुद्ध आहार से दूरी बनाने की भी सलाह देता है। जिसके बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं। आज के लेख में हम इसी के बारे जानेंगे।

क्या है विरुद्ध आहार?

कुछ फूड कॉम्बिनेशन्स सेहत के लिए अच्छे माने जाते हैं। इन्हें खाने से शरीर को फायदे मिलते हैं, लेकिन वहीं कुछ फूड कॉम्बिनेशन्स सेहत के लिए नुकसानदायक होते हैं। ऐसे खाने को विरुद्ध आहार की कैटेगरी में रखा गया है। विरुद्ध आहार हमारे शरीर में वात, पित्त और कफ का बैलेंस बिगाड़ देते हैं, जिससे शरीर कई प्रकार के रोगों का शिकार होने लगता है।

आयुर्वेद में कुछ खास तरह की बीमारियों के लिए विरुद्ध आहार को ही जिम्मेदार बताया गया है। जैसेः-

1. मोटापा

2. दुबलापन

3. बालों का झड़ना या गंजापन

4. नपुंसकता

5. नजरों का कमजोर होना

6. पाचन से जुड़ी दिक्कतें

7. स्किन से जुड़ी समस्याएं

8.गले में खराश, जुकाम

9. कब्ज और दस्त

10. खून की कमी (एनीमिया)

11. जोड़ों में दर्द व सूजन (रूमैटॉइड ऑर्थराइटिस)

12. त्वचा पर सफेद दाग होना

13. शरीर में सूजन

14. पेट दर्द, जलन होना, खट्टी डकारें आना

विरुद्ध आहार के कुछ उदाहरण

1. ड्रैगन फ्रूट, एवाकाडो जैसे फल हमारे देश में नहीं उगते। इन्हें बाहरी देशों से आयात किया जाता है, तो आयुर्वेद के मुताबिक यह सेहत के सही नहीं होते।

2. किसी गरम और रेगिस्तानी जगह पर उसी तरह का भोजन मतलब सूखा और बहुत मिर्च-मसालेदार खाना भी एक तरह का विरुद्ध आहार है। जो हमारे शरीर को बीमार बना देता है।

3. पहले फल व सब्जियां मौसम के हिसाब से आती थीं, लेकिन अब किसी भी फल व सब्जी का मजा आप किसी भी सीजन में ले सकते हैं। बेमौसम इन सब्जियों और फलों की उपलब्धता के पीछे कई तरह के केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है, जो सेहत के लिए बेहद हानिकारक होते हैं।

4. हमारे शरीर का संचालन वात (हवा), पित्त (गरमाहट), कफ (ठंडक) इन तीनों तत्वों (दोषों) से होता है। अगर वात ज्यादा हो मतलब किसी को गैस ज्यादा बनती हो या फिर डकार बहुत ज्यादा आती हो, तो ऐसे में वात को बढ़ाने वाले फूड्स शरीर के लिए सही नहीं होते। यही बात पित्त और कफ बढ़ाने वाले फूड्स पर भी लागू होती है। भोजन करने से पहले अपने शरीर की प्रकृति को समझना बहुत जरूरी है।

5. गरम-गरम गुलाब जामुन पर आइसक्रीम डालकर खाना कुछ लोगों को बहुत भाता है, तो वहीं जलेबी और रबड़ी का कॉम्बिनेशन भी बहुत पसंद किया जाता है। ये सभी विरुद्ध आहार माने जाते हैं।

6. घी से बनी मिठाइयां खाने के बाद ठंडा पानी पीना या फिर घी से बने पराठे खाने के बाद ठंडा पानी पीना ये दोनों ही सेहत के लिए अच्छे नहीं होते।

7. दूध के साथ फल खाना या फिर खट्टी चीजों का सेवन, दूध के साथ नमक या मछली के डिशेज खाना ये सभी बैड कॉम्बिनेशन्स हैं।

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