काबुल। अफगानिस्तान में महिलाओं की स्थिति की एक गंभीर तस्वीर का खुलासा करते हुए, विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की एक रिपोर्ट ने अफगानिस्तान को लैंगिक समानता के मामले में सबसे खराब देश के रूप में स्थान दिया है। खामा प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को डब्ल्यूईएफ द्वारा जारी ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स में अफगानिस्तान को 146 देशों के सर्वेक्षण में अंतिम स्थान पर रखा गया है।
इस रिपोर्ट में चार पैरामीटर पर आंकलन किया गया है। जिसमें आर्थिक भागीदारी और अवसर, शैक्षिक प्राप्ति, स्वास्थ्य और अस्तित्व, और राजनीतिक सशक्तिकरण वर्तमान की स्थिति इसमें शामिल थे।
रिपोर्ट के अनुसार, इस साल समानता में वृद्धि देखी गई क्योंकि महिलाएं 2021 की तुलना में औसतन 2 प्रतिशत अधिक कमा रही हैं जबकि पुरुष 2021 की तुलना में औसतन 1.8 प्रतिशत कम कमा रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘अट्ठाईस देशों ने इस सूचक पर 50 प्रतिशत से भी कम लिंग अंतर को दर्ज किया है।’ समानता का निम्नतम स्तर ईरान (16 प्रतिशत), अफगानिस्तान (18 प्रतिशत) और अल्जीरिया (18 प्रतिशत) में दर्ज किया गया।
स्थानीय मीडिया ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, ‘कुल मिलाकर, उप-सहारा अफ्रीकी और मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका में आय समानता का स्तर सबसे कम है, जो क्रमशः लगभग 23 प्रतिशत और 24 प्रतिशत है।’
तालिबान के उप प्रवक्ता ने की रिपोर्ट की अवहेलना
तालिबान के उप प्रवक्ता बिलाल करीमी ने रिपोर्ट की अवहेलना करते हुए कहा, ‘मौजूदा सरकार महिलाओं के सभी अधिकारों को इस्लामी विनियमन में मानती है। महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही हैं क्योंकि सरकार को आवश्यकता के आधार पर महिलाओं को शामिल करना चाहिए।’
पाकिस्तान विश्व का दूसरा सबसे खराब देश
समानता के मामले में पाकिस्तान विश्व का दूसरा सबसे खराब देश है। विश्व आर्थिक मंच की रिपोर्ट में पाकिस्तानी महिलाओं की यह तस्वीर सामने आई है। 146 देशों की सूची में पाकिस्तान 145 वें स्थान पर है। अन्य मापदंडों में पाकिस्तान की रैंकिंग भी देश की दयनीय स्थिति को उजागर करती है। आर्थिक भागीदारी और अवसर के मामले में देश 145वें स्थान पर है; शैक्षिक प्राप्ति में 135वां; स्वास्थ्य और उत्तरजीविता में 143वां; और राजनीतिक सशक्तिकरण में 95 वां।
पूर्ण लैंगिंक समानता किसी भी देश में नहीं
पूर्ण लैंगिंक समानता किसी देश में नहीं है। लैंगिक समानता के मामले में सबसे बेहतर स्थिति आइसलैंड की है। उसके बाद फिनलैंड, नार्वे, न्यूजीलैंड और स्वीडन आते हैं। सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले देशों में कांगो, ईरान और चाड हैं।