अवधनामा संवाददाता
अतरौलिया। बूढ़नपुर तहसील बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं व आइडियल जर्नलिस्ट एसोसिएशन बुढ़नपुर के पत्रकार संघ के लोगों ने अधिवक्ताओं के साथ बलिया में हुए तीन पत्रकारों पर उत्पीड़न के मामले को लेकर पूर्व अध्यक्ष मिथिलेश सिंह के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया, वही आइडियल जर्नलिस्ट एसोसिएशन के पत्रकारों ने तहसील संरक्षक आशीष पांडे के नेतृत्व में उपजिलाधिकारी को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा, साथ में विरोध प्रदर्शन किया ।बता दें कि 5 सूत्री मांग को लेकर अधिवक्ता और पत्रकार संघ ने साथ मिलकर तहसील परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। पत्रकारों की मांग है कि बलिया में पत्रकारों के साथ हुए दुव्र्यवहार किए जाने को लेकर के डीएम एसपी के खिलाफ कार्रवाई की जाए, पत्रकारों के साथ मानसिक एवं सामाजिक उत्पीड़न जो किया गया है उसका मुआवजा दिया जाए ,तत्काल प्रभाव से पत्रकारों को रिहा किया जाए ,पत्रकारों को समाचार संकलन में पूरी आजादी हो, लोकतंत्र के चैथे स्तंभ की गरिमा बनी रहे ,मामले की जांच हो व दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाय। इस अवसर पर अधिवक्ताओं ने एक दिन न्यायिक कार्य से विरत रहे साथ ही चेतावनी दी कि अगर हमारी मांग नहीं पूरी हुई तो हम अधिवक्ता संघ पत्रकारों के साथ हैं उनकी लड़ाई के लिए हम सड़क से लेकर सदन तक लड़ने का काम करेंगे। पूर्व मंत्री सूर्य प्रकाश यादव ने कहा कि बलिया प्रशासन पूरी तरह से मनमानी कर रहा है अपना काला चिट्ठा छिपाने के चलते सारा दोष पत्रकारों के सर पर मढने का काम किया है। पत्रकार संघ के संरक्षक आशीष पाण्डेय ने कहा कि अगर त्वरित कार्रवाई नहीं की गई तो हम सभी पत्रकार चुप नहीं बैठेंगे हमारी लड़ाई जारी रहेगी।इस संबंध में उपजिलाधिकारी नवीन प्रसाद ने बताया कि पत्रकारों द्वारा 5 सूत्री मांग पत्र जो राज्यपाल के नाम पर दिया गया है उसे शीघ्र ही राजपाल महोदय के यहां भेज कर मामले का निस्तारण कराने की बात कही,उन्होंने कहा हम पत्रकारों का सम्मान करते हैं बलिया में हुई घटना की निंदा करते हैं ।इस मौके पर उपाध्यक्ष राजेश सिंह,संतोष सिंह ,देवेंद्र सिंह, आलोक मिश्रा ,संतोष मिश्रा, अरविंद सिंह,विनोद राजभर ,राजू, रविंद्र साहू, अजय यादव, आकाश, विजय ,अमित, देवानंद गिरी ,कपिलदेव,मटरू यादव, जगत नारायण तिवारी, आद्या प्रसाद यादव ,राजकुमार सिंह ,सर्वेश लाल ,प्रकाश यादव, डब्लू चैबे ,पंकज श्रीवास्तव, बलराम यादव सहित अनेक अधिवक्ताओं ने भी अपनी आवाज बुलंद की।