खरीफ फसल मुआवजे के नाम पर लेखपाल पर वसूली का आरोप

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अवधनामा संवाददाता

किसानों ने कलेक्ट्रेट परिसर में किया प्रदर्शन, कार्यवाही की मांग
किसानों ने जल्द से जल्द उठायी मुआवजा दिलाये जाने की मांग

ललितपुर। अत्याधिक बारिश और बाढ़ जैसे हालात बनने के कारण बर्बाद हुयी फसल का मुआवजा दिलाये जाने की मांग किसानों द्वारा उठाते हुये कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन किया गया। किसानों ने लेखपाल पर प्रति काश्तकार एक हजार व पांच सौ रुपये वसूल किये जाने का आरोप लगाते हुये जिलाधिकारी को शिकायती पत्र भेजकर कार्यवाही की गुहार लगायी है।
प्रदर्शन कर रहे सदर तहसील क्षेत्र के ग्राम किसलवास के किसानों ने बताया कि वर्ष 2022-23 में उर्द, सोयाबीन, मूंग, मूंगफली, मक्का, तिल आदि की फसल भारी बारिश और बाढ़ के कारण नष्ट हो गयी थी। किसानों ने बताया कि मामले में उप जिलाधिकारी, कानूनगो व लेखपाल द्वारा जांच की गयी थी। जांच के दौरान खराब फसल खराब होना भी पायी गयी थी। किसानों ने गांव के लेखपाल पर आरोप लगाते हुये बताया कि सर्वे के दौरान लेखपाल द्वारा एक हजार रुपये व पांच सौ रुपये प्रति काश्तकार वसूल किये गये। बताया कि लेखपाल द्वारा किसानों को आश्वासन दिया गया कि 144 लोगों के नाम से शासन द्वारा धनराशि भेजी गयी है। लेकिन आज तक उक्त धनराशि उपलब्ध नहीं करायी गयी है। बताया कि किसानों द्वारा इस सम्बन्ध में बार-बार प्रार्थना पत्र देने के बावजूद भी आलाधिकारियों द्वारा कार्यवाही नहीं की गयी है। किसानों ने जिला प्रशासन से खरीफ फसल का मुआवजा जल्द खातों में डलवाये जाने की मांग उठाते हुये अन्यथा की स्थिति में सभी किसानों ने आंदोलन करने की चेतावनी दी। किसानों ने बड़ा आरोप लगाते हुये बताया कि जब-जब मुआवजे को लेकर किसानों द्वारा आवाज उठायी जाती है तो आलाधिकारियों, लेखपाल व कानूनगो द्वारा आश्वासन देकर टाल दिया जाता है, लेकिन समस्या का समाधा नहीं किया जाता है। किसानों ने जिला प्रशासन से जल्द से जल्द मुआवजा दिलाये जाने की गुहार लगायी है। ज्ञापन देते समय तुलाराम लोधी, अनेक सिंह, जसरथ, परशुराम, रघुवीर, सत्येन्द्र राजपूत, नीरज कुमार, भीकम सिंह, हीरालाल, राकेश, तोरन, गजेन्द्र, राघवेन्द्र, सुरेश कुमार, चन्दन, महेश, हरकिशन, अनुज, नीतेश, अमृतपाल, इमरत, कमल सिंह, मंतेश, गुलाब, राजबाबू, साकूलाल, काशीराम, पूरन, प्रीतम, गोविन्द, सुरमन, प्रभुदयाल, भरत सिंह, रवि प्रसाद, शिवप्रसाद, रमेश के अलावा अनेकों किसान मौजूद रहे।

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