AAP सांसद सजंय सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में पुलिस के नोटिस को फाड़ा

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योगी सरकार का कमाल – 31अगस्त को डिस्पैच किये गए नोटिस में  27अगस्त को पेश होने को कहा गया – संजय सिंह
योगी सरकार मुझे डराने की कोशिश ना करे, हमेशा जनता के मुद्दे उठाता रहूंगा. – संजय सिंह
राज्यसभा सांसद एवं आम आदमी पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह जी ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा की यूपी की योगी सरकार किस कदर बौखलाई हुई है इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब मैंने दलितों की, पिछड़ों की, ब्राह्मणों की बात उठाई तो उन्होंने एक के बाद एक करके मेरे पर 10 मुकदमें दर्ज करवा दिए.
प्रदेश की योगी सरकार पूर्ण रूप से राजनीतिक दुर्भावना से काम कर रही है, कानून और संविधान की धज्जियां उड़ा रही हैं.
उन्होंने कहा कि इस वक्त जब मैं मीडिया को संबोधित कर रहा हूं उस वक्त भी बलिया में एक आंदोलन चल रहा है जिसमें राजभर समाज के एक युवक को थाने में ले जाकर बर्बरता पूर्वक मारा गया, उसको पीटा गया उससे पैसे की मांग की गई उसके बाद वहां पर स्थितियां भयावह हो चुकी है.
उन्होंने कहा कि मैं पिछले कई दिनों से लगातार मीडिया के माध्यम से आप लोगों तक जनता के मुद्दों को उठा रहा हूं ब्राह्मणों के साथ अत्याचार हो रहे, इस मुद्दे को उठा रहा हूं, दलितों के साथ अत्याचार हो रहे हैं इस मुद्दे को उठा रहा हूं इस बात से योगी सरकार इतना बौखला गई है कि उसने मेरे ऊपर एक के बाद एक 10 FIR करवा दी मेरा कार्यालय खाली करा दिया, आये दिन नोटिस भेजते रहते हैं.
संजय सिंह जी ने कहा कि 27 अगस्त को गोमती नगर थाने में मेरे खिलाफ नोटिस जारी किया गया जिसमें सुबह 10:00 बजे दरोगा ने साइन किया और मुझे उसी दिन सुबह 10:00 बजे थाने में उपस्थित होने को कहा. 27 तारीख को ही नोटिस भेजकर 27 तारीख को है थाने में मौजूद होने के लिए कहा गया.
उन्होंने कहा कि 27 तारीख को जो नोटिस जारी की गई इसमें मुझे 27 तारीख को ही थाने में मौजूद होने को कहा गया वह मुझे 31 तारीख को बाय पोस्ट भेजा गया वो भी मेरी दिल्ली वाले पाते पर.
संजय सिंह जी ने कहा कि जब सूचना संचार के ऐसे युग में हम हैं कि एक फोन करके एक मैसेज करके या, एक व्हाट्सएप करके मुझे थाने में बुलाया जा सकता था कुछ ही मिनटों में मुझसे संपर्क किया जा सकता था, मुझे थाने में बुलाया जा सकता था तब मुझे डाक के जरिए नोटिस भेजी गई जो मुझे आज 3 सितंबर को मिली हैं.
उन्होंने कहा जो मेरे ऊपर मकान मालिक के द्वारा FIR करवाई गई है उसमें मेरा नाम भी नहीं है और जो नोटिस में भाषा का इस्तेमाल किया गया है वो बहुत ही अफसोसजनक हैं।
उन्होंने कहां की यूपी में योगी सरकार कानून का, संविधान का मजाक उड़ा रही है जब मन करता है नोटिस जारी करती है जब मन करता है FIR करवाती है मैं ऐसे किसी नोटिस को नहीं मानता हूं. और प्रेसवार्ता के दौरान  पुलिस के उस नोटिस को फाड़ कर फेंक दिया ।
संजय सिंह जी ने कहा कि योगी सरकार मुझे डराने की कोशिश ना करे संविधान का पालन करे, कानून का पालन करे. उन्होंने कहा कि मुझे धमकी पत्र ना भेजें मैं हमेशा जनता के मुद्दे  उठाता रहूंगा.
उन्होंने कहा कि अब मैं थानेदार को चिट्ठी लिख रहा हूं और यह कह रहा हूं एक संविधान और कानून के तहत मुझे जब भी जांच के संबंध में बुलाया जाएगा मै पहुंच जाऊंगा.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह , सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता प्रियंका कक्कड़, सह प्रभारी नदीम अशरफ , सह प्रभारी ब्रिज कुमारी  मौजूद थी.
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