अवधनामा संवाददाता
हाटा कोतवाली क्षेत्र के ढाढ़ा खेद टोला जेवनरहा का मामला
कुशीनगर। हाटा कोतवाली क्षेत्र के ढांढा खुर्द टोला जेवनरहा में एक व्यक्ति अपने कमरे में फंदे से लटकता हुआ मिला। जिसकी सूचना परिजनों ने पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पहुंचकर शव कब्जे में लेकर आवश्यक कार्यवाही में जुटी हुई है वही इसके मौत के पीछे की वजह आर्थिक तंगी बताया जा रहा है।
कोतवाली क्षेत्र के नगर पालिका हाटा के वार्ड नंबर 22 ढांढा खुर्द टोला जेवनरहा में आर्थिक तंगी के चलते आए दिन पति-पत्नी में मारपीट हुआ करती थी। मृतक द्वारा रोजी-रोटी कमाने के लिए एक ऑटो भी खरीदा गया था लेकिन उसका भी किस्त जमा न होने की वजह से ऑटो भी खींचकर चला गया। आर्थिक तंगी को लेकर पति-पत्नी में आए दिन मारपीट होना शुरू हो गया उसी से तंग आकर कल शाम को पत्नी अपने तीनों छोटे-छोटे बच्चों को छोड़कर मायके चली गई। घर पर तीन छोटे-छोटे बच्चों के साथ उसका पिता संजय पटेल ही था।शाम को घर पर खाना नहीं बना था किसी तरह रात बीती और सुबह ही इतनी बड़ी घटना घट गई। मृतक का बड़ा बेटा जब तक शोर मचाता तब तक काफी देर हो चुकी थी। आसपास के जुटे लोगों ने जब जंगले के रास्ते से देखा तो तो संजय छत के कुंडी से साड़ी के सहारे लटक रहा था। आनन- फानन में दरवाजा तोड़कर जब देखा गया तो उसकी मौत हो चुकी थी। और घटनास्थल पर खून भी गिरा था जो मृतक के दोनों उंगलियों के बीच से टपक रहा था। इसके बारे में पूछने पर मृतक का बेटा ने बताया कि ब्लेड से उंगली काटे है। जिसकी सूचना तत्काल हाटा कोतवाली पुलिस को दी मौके पर गई हाटा कोतवाली पुलिस ने शव को नीचे उतार आवश्यक कार्यवाही करते हुए पोस्टमार्टम को भिजवाया।
बच्चों को पैसा देकर भेज दिया टॉफी खाने
संजय पटेल पुत्र मोतीलाल पटेल उम्र 30 वर्ष अपने तीनों बच्चे संदीप 5 वर्ष और सत्या 4 वर्ष को पैसा लेकर टॉफी खाने दुकान पर भेज दिया लेकिन संजीत 6वर्षीय बड़ा लड़का घर पर ही था। बच्चों के चले जाने के बाद संजय दरवाजा बंद करके मछली मारने वाले कटिया के डंडे से छत के कुंडी में साड़ी फंसा कर फांसी का फंदा बना झूल गया। जैसा कि उसके बड़े बेटे संजीत 6 वर्षीय का कहना है।
आर्थिक तंगी और ड्रिंक ने ले ली एक और युवक की जान
ग्रामीण तथा रिश्तेदारों का कहना है कि मृतक की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी उस पर मृतक बहुत बड़ा ड्रिंक करता था। पत्नी और बच्चों से मारपीट कर अक्सर शराब पीने के लिए पैसे की मांग करता था। ऐसा कोई भी दिन नहीं था कि उसके परिवार में मारपीट न होता हो। मृतक के बहनों का कहना है कि हम लोग अपने भाई की यथासंभव मदद करते थे लेकिन इधर कुछ दिनों से वह न हीं हम लोगो के घर जा रहा था और नहीं फोन कर रहा था। पूंजी के नाम पर मृतक का मात्र एक घर है जो आवास के पैसे से बना है। उसके अलावा घर में कुछ भी नहीं है। यहां तक की आज चूल्हे में आज भी नहीं जला था। मृतक के तीनों बच्चे प्राइमरी स्कूल में पढ़ने जाते हैं। जिसमें संजीत सबसे बड़ा है। पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल है जबकि बहने रोती-रोती बेहोश हो जा रही थी। वही ग्रामीणों का कहना है कि आर्थिक कमजोरी और शाराब की लत ने आज फिर एक युवक की जान ले ली।