अवधनामा संवाददाता
आउटसोर्सिंग संविदा वार्ड ब्वाय करते हैं लिपिक का काम
20वर्ष से एक्स-रे टेक्नीशियन का कार्य कर रहा वार्ड ब्वॉय
मेडिकल की दुकान चला रहा मृतक आश्रित वार्ड ब्वाय, अवजी पर प्राइवेट व्यक्ति से कराता है ड्यूटी
अयोध्या। जिला अस्पताल के अधिकारियों के अजब खेल हैं।कर्मचारियों से उनके पदों के अनुरूप कार्य न कराकर उनसे अन्य कार्य कराए जा रहे हैं।अधिकारियों की आंखों मे ऐसी पट्टी बंधी है कि आउटसोर्सिंग से संविदा पर नियुक्त हुए वार्ड ब्वाय से लिपिक जैसे महत्त्वपूर्ण पटल का कार्य कराया जा रहा है।जिला चिकित्सालय अयोध्या मे प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक की अनदेखी शासन की मंशा पर पानी डाल रही है। अयोध्या जिला चिकित्सालय मे जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी शासन व स्वास्थ्य विभाग के शासनादेशो को ठेंगा दिखा रही है। जिला अस्पताल मे प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय मे आउटसोर्सिंग से संविदा पर नियुक्त वार्ड ब्वाय लिपिक का कार्य कर रहे हैं। दो रेगुलर वार्ड ब्वाय से चपरासी का काम लिया जा रहा है। गौर तलब बात यह है कि वर्षों से ये कर्मचारी एसआईसी कार्यालय मे कार्य कर रहे हैं। कभी इनका पटल परिवर्तन नहीं हुआ। अस्पताल में चौकीदार के पद पर नियुक्त कर्मचारी ओटी सहायक के रूप मे कार्य कर रहा है। एक वार्ड ब्वाय को मैट्रन आफिस मे सहायक के रूप मे लगाया गया है। वर्षों से उसका भी पटल परिवर्तन नहीं किया गया।
**मेडिकल की दुकान चलाता है वार्ड ब्वाय
जिला चिकित्सालय मे मृतक आश्रित के रूप मे वार्ड ब्वाय के पद पर नियुक्त कर्मचारी महिला अस्पताल के पास मेडिकल की दुकान करता है। कभी कभी अपने स्थान पर किसी प्राइवेट व्यक्ति को ड्यूटी पर भेज देता है।
लगभग 20 वर्षों से एक्स-रे टेक्नीशियन का काम कर रहा वार्ड ब्वाय
अयोध्या जिला चिकित्सालय मे मरीजों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। वार्ड ब्वाय से एक्स-रे टेक्नीशियन का कार्य लिया जा रहा है। ऐसा नहीं कि प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक को इसकी जानकारी नही है। वर्षों से अपने पटल का कार्य न करके मलाई दार पटल पर काम कर रहे कर्मचारी अधिकारियों के लिए सोने का अण्डा देने वाली मुर्गी बने हैं। जिसके चलते न तो इनसे पटल के अनुरूप काम लिया जाता है और न ही इनका कभी पटल परिवर्तन किया जाता है।
क्या कहते हैं प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक
प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा उत्तम कुमार ने बताया कि अस्पताल मे अब चपरासी का पद लगभग समाप्त हो गया है।ऐसे मे वार्ड बाय से ही काम लेना मजबूरी है।जो जो वार्ड ब्वॉय पढे़ लिखे हैं उनसे लिपिक का काम लिया जा सकता है।काफी लम्बे समय से एक्स-रे कार्य का अनुभव होने के कारण वार्ड ब्वॉय से एक्स-रे टेक्नीशियन का काम कराया जा रहा है।चौकीदार से ओटी सहायक का काम लिए जाने के बारे में एसआईसी ने कहा जानकारी कराएंगे।उन्होंने कहा कि जो कर्मचारी स्वयम डयूटी न कर दूसरे से अपनी ड्यूटी करा रहा है उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।वार्ड ब्वॉय के पटल परिवर्तन के बारे मे उन्होंने कोई जवाब नहीँ दिया।