सिद्धार्थनगर। भारतीय जनता पार्टी जिला कार्यालय के सभागार में जिलाध्यक्ष कन्हैया पासवान के अध्यक्षता में संविधान निर्माता भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर के सम्मान में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राज्यसभा सांसद जुगल किशोर व डॉ० पुष्कर मिश्रा ने बाबा साहब के चित्र पर पुष्प अर्पित और दीप प्रज्वलित कर संगोष्ठी कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिलाध्यक्ष कन्हैया पासवान ने मुख्य अतिथि एवं सभी जनप्रतिनिधिगण व पदाधिकारी गणों का स्वागत अभिनन्दन करते हुए बाबा साहेब को नमन किया।
प्रथम सत्र के मुख्य अतिथि डॉ० पुष्कर मिश्रा ने संविधान शिल्पी बाबा साहेब के जीवनी के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि भीमराव रामजी आम्बेडकर डॉ.बाबा साहब भीम राव अंबेडकर के नाम से लोकप्रिय, भारतीय बहुज्ञ, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, लेखक, पत्रकार और समाज सुधारक थे। उन्होंने दलितों से होने वाले सामाजिक भेदभाव के विरूद्ध अभियान चलाया था। वे स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मंत्री रहे। भारतीय संविधान के जनक एवं भारत गणराज्य के निर्माताओं में से एक थे। कांग्रेस के कटु आलोचना के बावजूद अंबेडकर की प्रतिष्ठा एक अद्वितीय विद्वान और विधिवेत्ता की थी। जिसके कारण जब 15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद, कांग्रेस के नेतृत्व वाली नई सरकार अस्तित्व में आई तो उसने अंबेडकर को पहले कानून एवं न्याय मंत्री के रूप में सेवा करने के लिए आमंत्रित किया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। 29 अगस्त 1947 को डॉ.अंबेडकर को स्वतंत्र भारत के नए संविधान की रचना के लिए बनी संविधान की मसौदा समिति के अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया।
द्वितीय सत्र के मुख्य अतिथि राज्य सभा सांसद जुगल किशोर ने अपने संबोधन में कहा कि बाबा साहब का तीन नारा था- शिक्षा, संघर्ष एवं संगठन। उन्होंने हमेशा हर घर के बच्चों को शिक्षित बनना तथा हर किसान खुशहाल रहे, साथ में पिछड़ों व दलितों के शिक्षा पर बहुत जोर दिया। जिसे आज भी हमारी मोदी सरकार कर रही है। कहा कि वर्ष 1956 में डॉ. अंबेडकर के मृत्यु के बाद दिल्ली स्थित उनके निवास को राष्ट्रीय स्मारक बनाने का प्रस्ताव आया था, लेकिन प्रधानमंत्री नेहरू ने इसे खारिज कर दिया। अंततः यह मोदी सरकार थी जिसने 2016 में इस स्मारक की आधारशिला रखी और 2018 में इसका उद्घाटन हुआ। कांग्रेस ने नेहरू गांधी परिवार के लिए विशाल स्मारक बनवाने की प्राथमिकता दी।
जिसमें प्रत्येक को लगभग 50 एकड़ भूमि समर्पित की गई। जबकि डॉ. भीमराव अंबेडकर की स्मृति को लम्बे समय तक उपेक्षित रखा गया। भारत के संविधान और सामाजिक न्याय सुधारों में डॉ. अंबेडकर के अद्वितीय योगदान के बावजूद कांग्रेस ने उन्हें उचित सम्मान देने से इंकार किया। नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के कार्यकाल के दौरान डॉ.अंबेडकर को भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया गया। 1990 में वी.पी. सिंह के नेतृत्व में गैर कांग्रेसी सरकार सत्ता में थी जिसे भाजपा का समर्थन प्राप्त था। तब डॉ.अंबेडकर को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया। इस अवधि में अटल बिहारी वाजपेयी के प्रयासों से संसद भवन में डॉ.अंबेडकर के चित्र को स्थापित किया गया। विधायक बांसी जय प्रताप सिंह ने अपने संबोधन ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा डॉ. भीमराव आम्बेडकर से जुड़े पांच महत्वपूर्ण स्थलों को “पंच तीर्थ” के रूप में विकसित किया।
पूर्व विधायक डुमरियागंज राघवेंद्र सिंह ने कहा कांग्रेस पार्टी ने सदैव से बाबा साहब का अपमान करने का काम किया है जब से भाजपा सरकार बनी है तबसे बाबा साहब का सम्मान बढ़ाने का कार्य किया गया है।
कार्यक्रम का संचालन जिला मंत्री/कार्यक्रम संयोजक फतेबहादुर सिंह ने किया।
उक्त अवसर पर विधायक बांसी राजा प्रताप सिंह, पूर्व विधायक डुमरियागंज राघवेंद्र सिंह, पूर्व जिलाध्यक्षगण बृजबिहारी मिश्र, राम कुमार कुंवर, लाल जी त्रिपाठी, नरेंद्र मणि त्रिपाठी, क्षेत्रीय अध्यक्ष पिछड़ा मोर्चा शिवनाथ चौधरी, जिला महामंत्री विपिन सिंह, विजयकांत, जिला उपाध्यक्ष दीपक मौर्य, घनश्याम मिश्रा, मुन्नी देवी, जिला मंत्री अजय उपाध्याय, बिंदुमति मिश्रा, जिला मीडिया प्रभारी निशांत पाण्डेय, ब्लॉक प्रमुख प्रति० दशरथ चौधरी, राजेंद्र दुबे, चेयरमैन अजय गुप्ता, चंदू चौधरी, हेमंत जयसवाल, धर्मराज वर्मा, कार्यक्रम सह संयोजक फूलचंद जायसवाल, उदयपाल वर्मा, जिलाध्यक्ष अनुसूचित मोर्चा संजय गौतम, आदि लोग उपस्थित रहे।