जिलाधिकारी घनश्याम मीना की अध्यक्षता में चकबंदी कार्यों की समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट स्थित डॉ एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में संपन्न हुई।
बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि चकबंदी कार्यों में तेजी लाई जाए तथा चकबंदी संबंधी समस्त कार्यों को समय से पूर्ण किया जाए। कहा कि चकबंदी कार्य में किसी भी तरह की अनियमितता नहीं होनी चाहिए तथा इसके अंतर्गत जो भी नक्शा या चक बनाए जाय उसमें सभी किसानों का ध्यान रखा जाए।
जिलाधिकारी ने कहा कि चकबंदी संबंधी कार्य जिन गांवों में क्रियाशील है वहां पर भूमि विवादों का चिन्हांकन कर उनका गुणवत्तापूर्ण ढंग से निस्तारण चकबंदी व पुलिस विभाग की टीम द्वारा संयुक्त रूप से किया जाए। भूमि विवाद के गंभीर प्रकरणों को भलीभांति अवलोकन कर उनका प्राथमिकता के साथ निस्तारण किया जाए ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति न उत्पन्न होने पाए। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार राजस्व गांव में विभिन्न भूमि विवादों का निस्तारण राजस्व विभाग द्वारा किया जाता है उसी प्रकार चकबंदी गांव में चकबंदी विभाग द्वारा भूमि संबंधी विवादों का निस्तारण किया जाए इसमें किसी भी तरह की शिथिलता न बरती जाए। उन्होंने कहा कि चकबंदी के संबंध में विभिन्न माध्यमों यथा संपूर्ण समाधान दिवस ,जनसुनवाई, आइजीआरएस तथा अन्य माध्यम से प्राप्त होने वाली भूमि विवाद संबंधित शिकायतो का मौके पर जाकर तत्परता से निस्तारण किया जाय। अतिक्रमण संबंधित शिकायतों का प्राथमिकता से निस्तारण किया जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि चकबंदी के पेंडिंग प्रकरणों का तत्परता के साथ निस्तारण किया जाए।
जिलाधिकारी ने कहा कि चकबंदी कार्यों के अंतर्गत धारा 52 ,23 ,20 एवं 27 के जो लक्ष्य प्राप्त हुए हैं अथवा जो कार्य होने हैं उन्हें समयबद्ध ढंग से किया जाय। कहा कि चकबंदी कार्यों के अंतर्गत चकरोड ,नाली एवं अन्य भूमि संबंधी विवादों के निस्तारण में तेजी लाई जाए।
बैठक में एडीएम न्यायिक डॉ नागेन्द्रनाथ यादव, डिप्टी कलेक्टर खालिद अंजुम, उपसंचालक चकबंदी, बन्दोवस्त अधिकारी चकबन्दी तथा चकबंदी अधिकारी /सहायक चकबंदी अधिकारी तथा अन्य संबंधित उपस्थित रहे।
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