अवधनामा संवाददाता
निर्धारित गोला न बने होने से मनमाफिक खड़े हो रहे लोग
ललितपुर। (Lalitpur) वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर ने कहर बरसाना शुरू कर दिया है। सरकार की ओर से कोविड-19 की सभी गाइडलाइन के पालन का निर्देश भी जारी कर दिया गया है। मास्क के साथ दो गज की दूरी और हाथों को समय समय पर धोने के निर्देश दिए गए हैं। कोरोना की जांच करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को पीपीई किट पहनना अनिवार्य है, लेकिन प्रोटोकॉल को ताक पर रखकर स्वास्थ्य कर्मी बगैर पीपीटी पहने ही जांच कर रहे हैं।
ऐसे में कोरोना संक्रमण के फैलने का खतरा भी बढ़ जा रहा है। जिले में एक तरफ जहां कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है, वहीं जगह-जगह कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। शुक्रवार को जिला अस्पताल में कोविड-19 कोरोना जांच केन्द्र पर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती दिखीं। इसकेसाथ ही अस्पताल में विभिन्न स्थानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने की सुध जिम्मेदारों को नहीं हो रही है। एक सप्ताह से जिले में लगातारकोरोना संक्रमण बढ़ रहा है।
कोरोना को फैलने से रोकने के लिए शासन की ओर से गाइडलाइन जारी की जा रही है। इसमें न सिर्फ मास्क की अनिवार्यता सुनिश्चित करने पर जोर दिया जा रहा है, बल्कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए सख्ती बरते जाने का निर्देश दिया जा रहा है। शासन के तमाम दिशा निर्देशों के बावजूद जिला अस्पताल में इसका समुचित पालन कराने को लेकर अधिकारी गंभीर नहीं दिख रहे हैं। लापरवाही का आलम यह है कि जिला अस्पताल में ही शासन की ओर से जारी गाइडलाइन का सख्ती से पालन नहीं कराया जा रहा है। कदम कदम पर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्ज्यिां उड़ती दिखाई दे रही है। पर्ची काउंटर पर मरीजों व उनके तीमारदारों की लंबी लाइन लगी दिखी। वे एक-दूसरे से सटकर खड़े थे। यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा था। कोविड जांच में मरीजो को करना पड़ रहा घंटों इंतजार कोरोना के सैंपल लेने में बड़ी लापरवाही बरती जा रही है। टेक्नीशियन बिना पीपीई किट के मरीजों से सैंपल ले रहा था। ऐसे में कोरोना संक्रमण और फैलने की आशंका है। कोरोना जांच को लेकर हर रोज बढ़ी तादाद में मरीज आते हैं।
यहां आने वाले मरीजों की जांच को लेकर टेक्नीशियन स्टाफ तैनात किया गया है। यह टेक्नीशियन को कोविड की जांच के दौरान मास्क, ग्लब्ज, फेस शील्ड और पीपीई किट पहनना अनिवार्य है। लेकिन टेक्नीशियन पीपीई किट में था, केवल मास्क व ग्लब्ज पहने हुए था। कोविड जांच केंद्र पर रात में मरीजों को स्वास्थ्य कर्मी द्वारा जांच न कर ड्यूटी पर स्टाप न होने कीबात कहकर चलता कर रहे है। जिससे कई मरीज इधर उधर भटक रहे है।
कोविड की जांच कराने आये ब्रजेश ने स्वास्थ्य विभाग पर आरोप लगाते हुए बताया कि पर्चा जमा करने के लिये स्टाप नही है, जब इस संबंध में अन्य स्टाप से बात की गई तो अभद्रता करते हुए बोलते है यहाँ कोई नही है कही अन्य जगह कराओ। रात को नीरज कुशवाहा अपने भतीजे की कोविड जांच के लिये जिला चिकित्सालय पहुंचे, जहां जांच के लिये कोई भी स्टाफ मौजूद नही था। जब स्टाप आया तो उसने दूर बैठने की बात कहकर चलता कर दिया, एक से ढेर घंटे इंतजार करने के बाद जांच की गई। जब इस संबंध में डा.अमित चतुर्वेदी से बात की गई तो उन्होंने अपनी सफाई देते हुए निरन्तर जांच होने की बात कही। जबकि जमीनी हकीकत मौके पर कुछ और ही बया करती नजर आई। इससे यह स्पस्ट होता है कि स्वास्थ्य अधिकारी से लेकर कर्मचारी अपनी मनमानी कर रहे है। कोविड जांच में अधिकारी व कर्मचारी लापरवाही बरत हुए बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने की बात करते नजर आ रहे है।