इराक़ के स्वयं सेवी बल हश्दुश्शाबी ने देश में तकफ़ीरी आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में वरिष्ठ शिया धर्मगुरु आयतुल्लाह सीस्तानी की भूमिका की प्रशंसा की है।
मंगलवार को दाइश के ख़िलाफ़ विजय दिवस की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर एक समारोह को संबोधित करते हुए हश्दुश्शाबी संगठन के उपाध्यक्ष अबू मेहदी अल-मोहंदिस ने कहाः अगर देश के वरिष्ठ धर्मगुरु आयतुल्लाह सीस्तानी ने आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में जिहाद का फ़तवा नहीं दिया होता, तो आज इराक़ी सरकार और जनता इस लड़ाई में जीत का जश्न नहीं मना रही होती।
इराक़ के पूर्व प्रधान मंत्री और क़ानून गठबंधन के प्रमुख नूरी अल-मालेकी ने भी इस अवसर पर कहा कि आयतुल्लाह सीस्तानी का फ़तवा और जनता की क़ुर्बानियों के कारण इराक़ में एक बड़ी साज़िश को असफल बना दिया गया और दाइश की कहानी ख़त्म हो गई।
ग़ौरतलब है कि दुनिया के सबसे ख़ूंख़ार आतंकवादी गुट दाइश ने 2014 में इराक़ के एक तिहाई ज़्यादा से भाग पर क़ब्ज़ा कर लिया था, लेकिन इराक़ी जनता ने इस संघर्ष में जीत हासिल की और 10 दिसम्बर 2017 को दाइश के ख़िलाफ़ लड़ाई में जीत की घोषणा कर दी गई।