सिद्धार्थ नगर। पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ का प्रतिनिधिमंडल जिला अध्यक्ष रमेश चन्द्र मिश्र व जिला महामंत्री कलीमुल्लाह के नेतृत्व में शिक्षा, शिक्षक तथा छात्र छात्राओं की समस्याओं से संबंधित 23 सूत्रीय मांग पत्र जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को देकर समाधान की मांग की। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शैलेश कुमार ने समस्त बिंदुओं पर गहन चर्चा कर अपने स्तर की समस्याओं को शीघ्र समाधान करने तथा शेष शासन एवं प्रशासन स्तर की समस्याओं के मामले में संबंधित उच्चाधिकारियों को संदर्भित पत्र भेजने का आश्वासन दिया।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शैलेश कुमार से वार्ता के दौरान जिला अध्यक्ष रमेश चंद्र मिश्र ने कहा कि पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की बहुत कमी है। तमाम बंद विद्यालय हैं, उन्हें नियम विरुद्ध तरीके से प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों, शिक्षा मित्रों और अनुदेशकों को संबद्ध करके संचालित किया जा रहा है, वही कई लोग बीआरसी और कार्यालय में संबद्ध हैं। नियम विरुद्ध सभी संबद्धता को तत्काल समाप्त किया जाए। यदि बंद पूर्व माध्यमिक विद्यालयों को संचालित ही करना है तो पूर्व माध्यमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक अथवा प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक को ही संबद्ध करके संचालित किया जाए, और उनका उसी विद्यालय से वेतन भुगतान भी किया जाए। या नियुक्ति/पदोन्नति के माध्यम से प्रत्येक विद्यालय में कम से कम तीन अध्यापक की व्यवस्था किया जाय।
जिला महामंत्री कलीमुल्लाह ने कहा कि ऑफलाइन निरीक्षण व्यवस्था बंद कर दी गई है, फिर भी ऑफलाइन निरीक्षण किया जा हैं, और निरीक्षण के बाद बीआरसी/कार्यालय पर संबंधित विद्यालय के शिक्षकों, शिक्षा मित्रों, अनुदेशकों को बुलाया जाता है। प्रेरणा पोर्टल से ऑनलाइन निरीक्षण किया जाए, उसी दिन संबंधित उच्च अधिकारी और प्रधानाध्यापक को जॉच आख्या प्रेषित किया जाय। बिना स्पष्टीकरण के किसी भी शिक्षक के विरुद्ध कोई विभागीय कार्यवाही न की जाए।
अधिकारियों की निरीक्षण आख्या प्रथम दृष्टया विभाग और न्यायालय में मान्य होती है। फिर भी खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा निरीक्षण के समय फोटो लिए जाते हैं तथा वीडियो बनाए जाते हैं, जिससे महिला शिक्षक असहज महसूस है, और उनकी निजता का भी हनन होता है। निरीक्षण के समय महिला शिक्षक का फोटो न लिया जाय न वीडियो बनाया जाय। यदि आवश्यक है तो छात्रों या अन्य स्टाफ के साथ समूह में फोटो लिया जाए।
कोषाध्यक्ष मस्तराम चौधरी ने कहा कि पुराने पेंशन से आच्छादित किसी भी शिक्षक की जीपीएफ कटौती का कोई लेखा जोखा विभाग के पास दुरुस्त और पूर्ण नहीं है। सभी कटौतियों को मंहगाई भत्ते के साथ लेजर में दर्ज करके सभी शिक्षकों को जीपीएफ पासबुक और लेखा पर्ची उपलब्ध कराई जाय। तथा सारी कटौतियों को पोर्टल पर ऑनलाइन किया जाय।
23 सूत्रीय मांग पत्र के सभी विंदुआ की समस्याओं पर चर्चा की गई। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने संबद्धता को नियम विरुद्ध मानते हुए हटाने का आश्वासन दिया तथा बंद पूर्व माध्यमिक विद्यालयों को अन्य पूर्व माध्यमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक अथवा प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक से ही संचालित कराने का आश्वासन दिया। और अन्य सभी समस्याओं के समाधान तथा शासन प्रशासन में उच्चाधिकारियों को अन्य समस्याओं से संदर्भित पत्र को भेजने का आश्वासन दिया।
प्रतिनिधिमंडल में जिला अध्यक्ष रमेश चन्द्र मिश्र एवं महामंत्री कलीमुल्लाह सहित मस्तराम चौधरी, अब्दुल अज़ीज़,राजेश यादव, कुंवर कमलेश्वर सिंह, मोहम्मद आरिफ उस्मानी, अर्जुन प्रसाद, बुद्धिराम, श्रीराम, बालजीत कुमार, संजय आनन्द, ज़ुबैर अहमद उस्मानी, लालजी वरुण, मोहम्मद आजाद, द्वारिका प्रसाद, उमेश चन्द, विजय राम, हरिश्चंद, महेंद्र कुमार कसौधन, अजीत कुमार पाण्डेय, प्रशांत चतुर्वेदी आदि मुख्य रूप से शामिल रहें।