मस्जिदों में घर से ही मुसल्ला लाने और वुजू कर आने का आह्वान

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 मस्जिदों की गाइड लाइन का अभी इंतजार

फ़िरोज़ ख़ान

देवबंद।कोराना संक्रमण के दौरान प्रशासन के  द्वारा आज से धार्मिक स्थलों को खोलने का निर्णय लिया गया है। रविवार को नगर  दो माह से अधिक समय तक चले लॉक डाउन के बाद अब अनलॉक-1 में  अधिकांश धार्मिक स्थलों के प्रबंधकों ने स्वंय ही सेनिटाइजेशन कराया। जहां मस्जिदों में टेप से नमाजियों के खड़े होने के लिए निशान लगाए गए वहीं मंदिरों में गर्भगृह में पुजारी समेत पांच लोगों को ही एक समय में दर्शन को आने के लिए कहा गया है।

अनलॉक-1 में खुल रहे धार्मिक स्थलों में नमाजी अपने ही घरों से वुजू कर मस्जिदों में पहुंचेंगे। साथ ही नमाज के दौरान मस्जिदों में फिजिकल डिस्टेंसिंग के लिए मस्जिद में जहां मुसल्ला (दरी) ना बिछाने का निर्णय लिया गया है वहीं नमाजियों से अपने घरों से ही मुसल्ला लाने की अपील की जा रही है। रविवार को नगर की मरकजी जामा मस्जिद और रशीदिया मस्जिद के फर्श की धुलाई कर दीवारों समेत फर्श पर डिटॉल का छिड़काव किया गया। इतना ही नहीं अधिकांश मस्जिदों की हौज खाली करा दी गई जिससे नमाज पढ़ने के लिए आने वाले नमाजी मस्जिद के बाहर से ही वुजू कर मस्जिदों में पहुंचने की अपील की जा रही है। मरकजी जामा मस्जिद के मुतवल्ली हाफिज अनवर उस्मानी ने कहा कि मस्जिद का मुख्य द्वार ही नमाज के लिए खोला जाएगा। हालांकि उन्होंने कहा कि अभी प्रशासन की ओर से कितने नमाजी नमाज अदा करेंगे इस तरह की कोई गाइड लाइन नहीं आई है। लेकिन नगर की बड़ी मस्जिद होने के चलते नमाज के समय फिजिकल डिस्टेंसिंग के लिए निशान टेप से लगाए जा रहे हैं। वहीं दारुल उलूम के प्रबंधन में चलने वाली रशीदिया मस्जिद, छत्ता मस्जिद और कदीम मस्जिद में भी सफे (दरी) हटा ली गई हैं। और नमाज के लिए घर से ही मुसल्ला लाने के लिए आह्वान किया गया है। हालांकि कुछ मस्जिदों के प्रबंधतंत्र वुजू के  स्थानों पर साबून भी रखा गया है।

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