दो-दो फुट खोले गये गेट, उड़द की फसल को अतिवृष्टि से पहुंच रहा नुकसान
ललितपुर। बीते दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के बाद शहर के मध्य स्थित गोविन्द सागर बांध के रविवार को शाम चार बजे आठ गेट खोलकर पानी की निकासी शुरू कर दी गयी है। बांध में निर्धारित क्षमता से अधिक पानी का भराव होने के चलते प्रशासन लगातार नजर बनाये हुये है। प्रशासन के आदेश पर अधिशाषी अभियंता इंजी.मनमोहन सिंह ने बताया कि गोविन्द सागर बांध के आठ गेट 2-2 फुट खोले गये हैं, जिससे पानी की निकासी की जा रही है। उन्होंने बताया कि निर्धारित क्षमता में गोविन्द सागर बांध का पानी भरा गया है। लगातार हो रही बारिश के चलते बांध के गेट खोले गये हैं। बांध के गेट खोले जाने के पूर्व शहजाद नदी किनारे रहने वाले लोगों को सूचित किया गया, ताकि वह सुरक्षित स्थानों पर पहुंच जायें। गौरतलब है कि वर्ष 2023 के जून माह में मानसून आया तो लेकिन बुन्देलखण्ड में मानसून काफी कमजोर रहा, जिस कारण पर्याप्त मात्रा में बारिश नहीं हो सकी। हालांकि बाढ़ नियंत्रण को लेकर जिले में आयी एनडीआरएफ की टीम द्वारा आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा लगातार मॉक ड्रिल कर लोगों को जागरूक किया जाता रहा। इसके बाद माह जुलाई में थोड़ी बहुत बारिश हुयी, जिससे लोगों को गर्मी से कुछ ही दिनों की राहत मिल सकी। इसके बाद माह अगस्त तक पूरा महीना सूखा रहा। बारिश न होने के चलते किसानों द्वारा खेतों में बोई गयी उड़द, मूंग, मूंगफली, सोयाबीन, मक्का इत्यादि की फसलों को नुकसान पहुंचने लगा। जिन खेतों में पानी की पर्याप्त संसाधन मुहैया थे, वहां समय से बुवाई हुयी और समय रहते फसल पक गयी। लेकिन दूसरा पहलू यह भी रहा कि करीब दो से तीन सप्ताह उपरान्त बोई गयी इन्हीं किस्मों की फसलों में पानी की उपलब्ध न होने के चलते कीट लगना शुरू हो गया था। किसान को पानी की दरकार रही। लेकिन 6-7 अगस्त से शुरू हुयी बारिश दिन-प्रतिदिन भयावह रूप लेती गयी, जिस कारण अतिवृष्टि होने के चलते खेतों में पड़ी उड़द की फसल को नुकसान पहुंचा है। हालांकि जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने जल्द सर्वे कराते हुये फसलों के नुकसान का आंकलन करने के निर्देश भी जारी किये हैं। वहीं दूसरी ओर भारी बारिश होने के चलते बांधों का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। रविवार को शाम करीब 4 बजे गोविन्द सागर बांध के आठ गेटों को 2-2 फुट खोलकर पानी की निकासी शुरू कर दी गयी थी।