फूड विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली से नाराज व्यापारियों ने जिलाधिकारी सुल्तानपुर जसजीत कौर को दिया मांग पत्र

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अवधनामा संवाददाता

प्रदेश महामंत्री रवीन्द्र त्रिपाठी ने विभागीय अधिकारियों से जांच न कराकर मजिस्ट्रेटी जांच करने की किया मांग।

सुल्तानपुर। प्रदेश महामंत्री रवीन्द्र त्रिपाठी ने जिलाधिकारी से कहा कि शासन से रोक के बावजूद व्यापारियों की प्रतिष्ठानों पर फूड अधिकारी अपने साथ प्राइवेट वक्तियों लेकर जा रहें हैं।
प्रदेश महामंत्री रवीन्द्र त्रिपाठी ने जिला अधिकारी से कहा कि महोदया जो खाद्य व्यापारी गलत काम करें उनका नमूना भरा जाए* उनके ऊपर कारवाई *की जाए हम व्यापारियों की कोई आपत्ति नहीं है लेकिन सुल्तानपुर के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा शासन से आदेश के विरुद्ध जाकर कार्य किया जा रहा है।
जनपद सुल्तानपुर के विभिन्न बाजारों से व्यापारियों द्वारा खाद्य सुरक्षा एव प्रशासन के कार्य प्रणाली को लेकर विभिन्न शिकायत प्राप्त हुई है जिसका मांग पत्र आपकी सेवा में प्रेषित है निवेदन है कि निदान करवाने की कृपा करें।
जिस व्यापारी के यहां नमूना भरा जाता है शासन के निर्देशानुसार उस व्यापारी को नमूना भरे जाने वाली सामाग्री का भुगतान करना चाहिए और व्यापारी से उसकी रसीद लेकर नमूने के साथ संलग्न करना चाहिए लेकिन फूड अधिकारियों द्वारा नमूने की सामग्री की कीमत व्यापारियों को नहीं दी जा रही है निवेदन है कि नमूने के साथ सामग्री भुगतान की रसीद भी सन लग्न की जाए और व्यापारियों को नमूना सामग्री का भुगतान अधिकारियों द्वारा अवश्य किया जाए।व्यापारियों ने शिकायत किया है कि *लंभुआ फ़ूड अधिकारी द्वारा अनिल शर्मा नामक व्यक्ति कादीपुर फ़ूड अधिकारी द्वारा अनंत कुमार उर्फ अनंतु सिंह, फ़ूड अधिकारी नगर द्वारा रवि यादव नामक व्यक्ति और फूड अधिकारी सदर द्वारा अनिल कुमार यादव नामक व्यक्ति तथा फ़ूड अधिकारी जयसिंहपुर द्वारा भी एक अज्ञात व्यक्ति को अपने साथ प्राइवेट व्यक्ति के रूप में लेकर व्यापारियों की दुकानों पर जाया जा रहा है और इन्हीं प्राइवेट व्यक्तियों के माध्यम से धन उगाही की जा रही है जबकि शासन का निर्देश है कि किसी भी अधिकारी के साथ कोइ भी प्राइवेट व्यक्ति नहीं चलेगा और ना ही व्यापारियों की दुकान पर जाएगा। प्राइवेट व्यक्तियों को तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए और अधिकारियों को निर्देशित किया जाए की किसी भी दशा में प्राइवेट व्यक्ति व्यापारियों के प्रतिष्ठानों पर न जाए।*
व्यापारियों ने यह भी शिकायत किया है कि नमूना भरते समय फूड अधिकारियों द्वारा व्यापारियों से मोबाइल छीन ली जाती है और पैक सामग्रियों पर जो बैच नंबर व एक्सपायरी डेट लिखा रहता है उसे हाथ से रगड़कर मिटा दिया जाता है।
जो व्यापारी फूड अधिकारियों को रुपया दे देता है वह चाहे जितना गलत काम करें उन पर कार्रवाई नहीं होती इसके विपरीत जो व्यापारी फूड अधिकारियों को रुपया नहीं देता है उनके धन उगाही ही में बाधा बनता है उसे टारगेट करके उसके यहां नमूना भरा जाता है और अभियान की आड़ में व्यापार मंडल के पदाधिकारी को तथा उनके धनवाही में बाधा बनने वाले व्यापारियों को टारगेट करके नमूना भरा जाता है
शासन का निर्देश है कि फ़ूड अधिकारी अपने गले में अपना परिचय पत्र पहने रहेंगे जिससे निश्चित हो सके की कौन सरकारी व्यक्ति है कौन प्राइवेट लेकिन कोई भी अधिकारी इसका पालन नहीं कर रहे हैं पालन कराया जाएव्यापारियों ने यह भी शिकायत किया है कि जो गाड़ी विभाग में लगाई गई है ।उसका ड्राइवर जब गाड़ी लेकर घर वापस जाता है तो वह भी व्यापारियों के यहां जाकर धनवाही करता है यह ड्राइवर विगत 3 वर्षों से अधिक विभाग में गाड़ी चला रहा है जिसके चलते यह व्यापारियों से नमूना भरने की धमकी देकर धनवाही करता है। कई बार इसकी फोटो नमूना भरते समय नमूना हाथ में लिए हुए फोटो भी वायरल हुई है अधिकारी इसको अपने साथ लेकर नमूना भरते हैं जो गलत है अभियान के दौरान ड्राइवर को अपनी गाड़ी पर रहना चाहिए ऐसे में इस ड्राइवर को तत्काल प्रभाव से विभाग से मुक्त किया जाए।
7—महोदय शासन की मानसा नुसार छोटे पंजीकरण ₹100 तथा बड़े लाइसेंस₹2000 में जारी किए जाएं। बाजारों से शिकायत मिली है कि छोटे लाइसेंस के लिए 1500 तथा बड़ी लाइसेंस के लिए ₹5000 लिया जा रहा है।

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