अवधनामा संवाददाता
सपा हल्ला बोल के नाम देती है लूट की खुली छूट
सर्वजन सुखाय पार्टी के अध्यक्ष शिवप्रसाद यादव से वहाज अली ख़ान(निहाल) की विशेष बातचीत
इटावा। आगामी लोकसभा चुनावों में अब अधिक समय शेष नहीं है।चुनावों को लेकर राजनैतिक दलों ने अपनी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं।इस बार के चुनाव में इटावा,मैनपुरी,फिरोजाबाद, औरैया,कन्नौज,फरूखाबाद और एटा के राजनैतिक मैदान में एक नई राजनैतिक पार्टी मैदान में सामने आ रही है।सर्वजन सुखाय पार्टी जिसके मुखिया पूर्व विधायक शिवप्रसाद यादव हैं।शिवप्रसाद यादव और उनकी राजनैतिक पार्टी का लक्ष्य इन्हीं सात जिलों में अपना जनाधार मजबूत कर आम जनता को एक सशक्त राजनैतिक विकल्प देना है।मानवीय राष्ट्रवाद और इंसानियत के आधार पर काम करने का संदेश लेकर वे अपने नए राजनैतिक अभियान को लेकर निकल पड़े हैं।अगले नवंबर माह में इटावा में प्रदेश स्तरीय सम्मेलन के माध्यम से वे अपने राजनैतिक अभियान का शंखनाद करेंगे।अवधनामा संवाददाता ने उनसे उनकी आगामी योजना के बारे में बातचीत की।
प्रश्न- शिवप्रसाद जी आखिर नये राजनैतिक दल के गठन की ऐसी क्या आवश्यकता आपको प्रतीत हुई?आप अन्य दलों से कितना अलग होंगे?
उत्तर- सर्वजन सुखाय पार्टी के गठन के पीछे दो प्रमुख कारण हैं।पहला तो सपा जब जब सत्ता में आई
तब तब उसने अपने हल्ला बोल को सामाजिक और संवैधानिक अधिकार के तौर पर अमानवीय कार्यकरने की खुली छूट दे दी। राहजनी,हत्याएं,चोरी,डकैती, जमीनों पर कब्जे आदि करना हल्ला बोल का एक अंग बन गया।सर्व समाज में यादव समाज के प्रति घृणा और नफरत का वातावरण बन गया।आज यादव समाज सपा के हल्ला बोल कलंक से मुक्ति पा सके,समाज की छवि अच्छी हो सके इसलिए सर्वजन सुखाय पार्टी का गठन किया गया है।दूसरा वर्तमान में इंसानियत और मानवीय राष्ट्रवाद के आधार पर काम करने वाले राजनैतिक दल का पूरी तरह से अभाव है।हम ऐसा राजनैतिक विकल्प देना चाहते हैं जो बिना किसी जाति,धर्म और वर्ग भेद के मानवीय राष्ट्रवाद के सिद्धांतों की स्थापना कर सकें।इस कमी को पूरा करने के लिए पार्टी का गठन किया गया है।
प्रश्न- आपका अगला लक्ष्य क्या है? उसकी अभी से क्या तैयारी कर रहे हैं?
उत्तर- हमारा लक्ष्य पहले चरण में आगरा और कानपुर मंडल के सात जिलों पर फोकस करना है।हम गांव गांव तक अपना संगठन मजबूत करेंगे।इसके बाद ब्लाक,तहसील और जिला स्तर पर बैठकें सम्मेलनों के माध्यम से लोगों को पार्टी से जोड़ने का काम करेंगे।फिलहाल नवंबर के महीने में इटावा में प्रदेश स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन के माध्यम से हम चुनावी अभियान का श्रीगणेश करेंगे।इन सात जिलों में अपनी राजनैतिक जमीन मजबूत कर हम आगे बढ़ेंगे।
प्रश्न- लोकसभा चुनावों में आप किन मुद्दों को लेकर जनता के बीच लाएंगे?
उत्तर- फिलहाल समाज में भाईचारा, इंसानियत को मजबूत करते हुए मानवीय राष्ट्रवाद की स्थापना के मिशन पर निकलेंगे।इन सात जिलों में सपा की सरकार में जनता का बहुत उत्पीडन हुआ है।सपा खासतौर पर सैफई परिवार के द्वारा ठुके पिटे,लुटे और हक वंचित लोगों को एक मंच पर लाकर न्याय दिलाने का काम करेंगे।किसान,नौजवान और सर्वहारा समाज के विकास के लिए काम करेंगे।
प्रश्न- आपका राजनैतिक संघर्ष किस राजनैतिक दल से होगा? क्या विपक्षी दलों के गठबंधन में भी शामिल हो सकते हैं?
उत्तर- एक पक्षीय विचार अथवा चिंतन को धर्मनिरपेक्ष नहीं कहा जा सकता है। हमारा संघर्ष किसी एक दल विशेष से नहीं है।हम तो एक ऐसी विचारधारा पर काम करने निकलें हैं जो सभी को साथ लेकर चलने वाली है।जहां सभी का सम्मान हो,विकास के समान अवसर मौजूद हों।दल हो या व्यक्ति वह अपना मूल चिंतन अथवा स्वभान नहीं छोड़ सकता।चाहे विपक्षी दल अपने गठबंधन का कुछ भी नाम रख लें परंतु उनके संस्कार नहीं बदल सकते। हम किसी के साथ नहीं अपने सिद्धांतों पर आम जनता को साथ लेकर चलेंगे।
परिचय- शिवप्रसाद यादव का जन्म वर्तमान में औरैया जिले की विधूना तहसील के ग्राम बनी हरदू में हुआ है। उनका बचपन काफी संघर्षों में बीता। पढ़ाई पूरी करने के बाद वे सरस्वती ज्ञान मंदिर योजना में शामिल हुए।वहां आचार्य प्रधानाचार्य सहित अन्य जिम्मेदारियों को बखूवी निभाया।इसके बाद इटावा में पहला आवासीय स्कूल ज्ञान स्थली आवासीय विद्यालय कर्बाखेड़ा की स्थापना की।आज देश भर में उनके द्वारा शिक्षण संस्थाओं का संचालन किया जा रहा है।उन्होंने वर्ष 2007 में भरथना विधानसभा क्षेत्र से सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के खिलाफ चुनाव लड़ा। बहुत कम अंतर से वे पराजित हो गए।इसके बाद मुलायम सिंह यादव ने इस सीट से त्यागपत्र दे दिया।उपचुनाव में शिवप्रसाद बसपा के टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए।वह भाजपा की सक्रिय राजनीति में भी रहे।अभी हाल ही में भाजपा छोड़कर नए राजनैतिक अभियान की शुरूआत की है।