अवधनामा संवाददाता(हिफजुर्रहमान)
18 कैरेट सोनें को 22 कैरट बता कर की जा रही है धोका धडी।
मौदहा हमीरपुर! सुनार से खरीदा गया सोना शुद्ध है या नहीं है। इसकी जांच भारतीय मानक ब्यूरो यानी बी आई सी (BIS) करती है। यह संस्था सोना, चांदी और दूसरी कीमती धातुओं से बनी ज्वेलरी या कलाकृतियों की जांच करती है। अगर धातु शुद्ध है तो इसे एक टैग दिया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया को ही हॉलमार्क कहा जाता है। अप्रैल माह में भारत सरकार ने आदेश जारी कर कहा था कि बिना हॉलमार्क लगाए सुनार सोने की बनी कोई चीज नहीं बेच पाएंगे लेकिन इस पर अमल बिल्कुल नहीं किया जा रहा है।
बतादें भारत दुनिया में सोने का दूसरा सबसे बड़ा। ऐसे में लोग असली समझकर नकली या कम शुद्ध सोना न खरीद लें। इसके लिए सोने की हॉलमार्किंग करना मोदी सरकार नें लाजमी किया है।
हॉलमार्क वाले सोने की पहचान करना आसान होता है। क्योंकि जैसे आधार कार्ड पर 12 अंकों का कोड होता है, उसी तरह से सोने पर 6 अंकों का हॉलमार्क कोड होताहै। इसे हॉलमार्क यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर यानी (HUID) कहते हैं।
ये नंबर अल्फान्यूमेरिक यानी कुछ इस तरह से हो सकता है-AZ4524। इस नंबर के जरिए सोना को ट्रेस करके ये पता करना संभव होता है कि कोई सोना कितने कैरेट का है।पूरे हमीरपुर जनपद में विशेष कर मौदहा में जहां सोनें की खरीद फरोख्त बहुत ज्यादा है अभी भी बहुत से सुनार बिना हाल मार्क के 18 कैरट सोना को 22 कैरट बता कर धडल्ले से बेच कर लम्बा मुनाफा कमा रहे है।यहां ऐसा इसलिए क्योंकि कि मौदहा में सूनें की खरीद फरोख्त अधिक्तर गांव की अनपढ़ महिलाओं द्वारा ही की जाती हैं इसलिए इस की सम्भावना बहुत है कि उन के साथ धोखाधड़ी की जारी हो। इसलिए ग्राहकों को चाहिए कि ज्वेलरी खरीदने से पहले हॉलमार्क की जांच कर लें।
सोना असली है या नकली इस की ऐसे करे पहचान।
हालमार्क कोड जारी होने के बाद कोई ज्वेलरी कितनी असली है या नकली, इस की पहचान इन 5 तरीको से की जा सकती है।
1. BIS मार्क: हर ज्वैलरी पर भारतीय मानक ब्यूरो का ट्रेडमार्क यानी लोगो होगा।
2. कैरेट में प्योरिटी: हर ज्वैलरी की कैरेट या फाइनेंस में प्योरिटी होगी।
3. मान लीजिए सोने पर 22K916 लिखा है: इसका मतलब ये हुआ कि यह 22 कैरेट सोना है और यह 91.6% शुद्ध है।
4. सोने पर 18K750 लिखा है: इसका मतलब ये हुआ कि यह 18 कैरेट सोना है और यह 75% शुद्ध है।
5. सोने पर 14K585 लिखा है: इसका मतलब ये हुआ कि यह 14 कैरेट सोना है और यह 58.5% शुद्ध है।
क्यो किया सरकार नें हालमारकिंग को अनिवार्य?
जून 2021 में भारत सरकार ने नकली सोने की बिक्री और आभूषणों की चोरी को रोकने के लिए हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया था ऐसा करनें से सरकार का उद्देश्य है कि इसके सही से लागू होने के बाद सोना बेचने वाले छोटे-बड़े सभी तरह के सुनार ऑटोमेटिकली रजिस्टर हो जाएंगे। इन्होंने कितने सोने की खरीद-बिक्री की है। हर चीज की जानकारी सरकार के पास होगी। HUID नंबर डेटा प्राइवेसी के लिहाज से भी बेहद सुरक्षित है।
16 जून 2021 तक सोने की हॉलमार्किंग करना जरूरी नहीं था। ये सोना खरीदने और बेचने वालों की इच्छा पर निर्भर था लेकिन अब यह अनिवार्य है।
एक अप्रैल से सिर्फ छह डिजिट वाले अल्फान्यूमेरिक हॉलमार्किंग ही मान्य हैं । साथ ही चार डिजिट वाली हॉलमार्किंग पूरी तरह बंद हो हो चुकी है । इस नए नियम के लागू करने से पहले सोना व्यापारियों को चार अंकों वाले सामान का स्टॉक खाली करने के लिए एक साल नौ महीने का समय दिया गया था।जिस की समय सीमा कई माह पूर्व खत्म हो चुकी है।
बिना हाल मार्किंग के सोना बेचने पर इतनी है सजा।
6 अंक के हालमार्क के नियम को तोड़ने वाले ज्वैलर्स को ज्वेलरी की कीमत से पांच गुना ज्यादा जुर्माना देना होगा। इसके अलावा एक साल की कैद हो सकती है या दोनों हो सकते हैं।