कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच संपन्न हुआ ताजियो के मेले का आयोजन

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अवधनामा संवाददाता

मोहम्मदी-खीरी। थाना मोहम्मदी की पुलिस चैकी मूडा निजाम के चैकी प्रभारी लाल बहादुर मिश्रा के कुशल नेतृत्व में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच संपन्न हुआ चठिया रामपुर मदारी उमरपुर में ताजियों का मेला। जहां पर मोहर्रम की 11, 12 व 13 तारीख को एक विशाल ताजियो के मेले का आयोजन होता है जो 13 मोहर्रम दिन मंगलवार को समाप्त हुआ। जहां पर सबसे बड़ा ताजिया औरंगाबाद व दूसरे नम्बर पर मूड़ा निजाम व तीसरे नम्बर पर उम्मरपुर का रहा। जहां पर दूर-दूर से अकीदतमंद मेले में शिरकत करने आते हैं। मोहर्रम का दिन पैगम्बर मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन और उनके कुनबे में शामिल लोगों की शहादत को याद दिलाता हैं। इस दिन करबला के मैदान में इमाम हुसैन और उनके कुनबे के 72 लोगों की शहादत हुई थी। जिनकी याद में मोहर्रम के महीने में ताजियों के मेले का आयोजन किया जाता है। जहां पर रामपुर मदारी, करौंदा, पिपरिया कप्तान, बसखेड़ा, चठिया, उमरपुर, मूडा निजाम, मुकुंडापुर, लौकी खेड़ा, बहादुरपुर, आदि ग्रामो के ताजिए करबला में एकत्र होते हैं। जहां पर एक विशाल मेले का आयोजन किया जाता है। जहां पर प्रशासन की तरफ से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही। चैकी प्रभारी मूडा निजाम लाल बहादुर मिश्रा के कुशल नेतृत्व में एक सफल मेले का आयोजन किया गया। जहां पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था चाक-चैबंद रही और मेले में चप्पे-चप्पे पर पुलिस फोर्स तैनात रही। इस मौके पर पुलिस क्षेत्राधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा, प्रभारी निरीक्षक अंम्बर सिंह, चैकी प्रभारी लाल बहादुर मिश्रा, हेड कांस्टेबल रमेश चन्द्र शुक्ला, हेड कांस्टेबल विवेक कुमार सिंह, कांस्टेबल रोहित पटेल, कांस्टेबल गोपाल चैहान, कांस्टेबल अजय यादव, तथा भारी संख्या में पुलिस फोर्स सुरक्षा व्यवस्था में मौजूद रही। इस मौके पर मरहूम हामिद खां के पोते जावेद खान उर्फ रिंकल द्वारा सभी दुकानदारों को जरनेटर द्वारा फ्री में लाइट उपलब्ध कराई गई। उनकी इस पहल से दुकानदार भाइयों द्वारा उनकी सराहना की जा रही है जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुआ है। इस मौके पर मोहर्रम कमेटी के लोग व ताजियादार सलीम खान, जावेद खान उर्फ रिंकल, शमीम खान उर्फ गुड्डू,, सिद्दीकी खान, शमशुल खां, लड्डन खां, गुफरान खान, शमीम खान, निजांकत खां, शराफत ख़ां, जुनैद खां उर्फ पिंटू, रफीउल्ला खान, फिरोज खान, जावेद खान, सबील अली प्रधान औरंगाबाद आदि ताजियादार एवं क्षेत्र के संभ्रांत लोग तथा क्षेत्र की बड़ी तादाद में जनता मौजूद रही।

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