बोले- प्रदेश में समृद्ध हुआ व्यापार
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर से व्यापारियों में एक बार फिर सुरक्षा का भाव भरा। उन्हें भरोसा दिया कि शासन-प्रशासन उनके साथ है। सुरक्षित माहौल को कारोबारी सुगमता का आधार बताते हुए योगी ने कहा कि सरकार व्यापारियों को सुरक्षा, सुविधा और सहूलियत देने के लिए संकल्पित है। बीते छह वर्ष में इस दिशा में सरकार द्वारा किए गए प्रयास धरातल पर दिखने भी लगे हैं। सुदृढ़ कानून व्यवस्था के साथ विकास की प्रक्रिया के आगे बढऩे से व्यापार भी तीव्र गति से आगे बढ़ा है। इससे गोरखपुर ही नहीं समूचे प्रदेश में व्यापार समृद्ध हुआ है।
सीएम ने व्यापारी संगठनों के पदाधिकारियों से जानीं समस्याएं
दो दिवसीय दौरे पर रविवार को गोरखपुर पहुंचे मुख्यमंत्री एनेक्सी भवन में व्यापारियों संग संवाद कर रहे थे। इसकी शुरुआत उन्होंने विभिन्न व्यापारी संगठनों के पदाधिकारियों से परिचय प्राप्त कर किया। इसके बाद बारी-बारी सभी से उनकी समस्याएं जानीं और शहर के विकास को लेकर सुझाव लिए। इसके बाद व्यापारियों की सुरक्षा एवं सुविधा की दृष्टि से बीते छह वर्ष में सरकार द्वारा किए गए प्रयास का जिक्र किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार गोरखपुर को एक माडल सेफ सिटी के रूप में विकसित कर रही है। यहां सेफ सिटी को लेकर आपरेशन त्रिनेत्र में व्यापारियों की भागीदारी सराहनीय रही है। सरकार सभी नगर निगमों को सेफ सिटी के रूप में आगे बढ़ाएगी।
व्यापारियों के साथ बैठक के बाद मुख्यमंत्री इंटर कालेजों के प्रधानाचार्यों व प्रबंधकों से रूबरू हुए। उनसे संवाद के दौरान जनपद में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर उठाए गए कदमों की जानकारी ली। उन्होंने जिला विद्यालय निरीक्षक को निर्देशित किया राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर सभी इंटर कालेजों की एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला अनिवार्य रूप से कराई जाए। इसमें सभी प्रबंधकों, प्रधानाचार्यों व शिक्षकों की सहभागिता सुनिश्चित हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने प्रबंधकीय विद्यालयों के पास उपलब्ध भूमि के चौथाई हिस्से पर व्यावसायिक इस्तेमाल की अनुमति दी है। पर, इससे अर्जित आय का उपयोग विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने में ही करना होगा। उन्होंने बताया कि माध्यमिक विद्यालयों के कायाकल्प, अनुरक्षण व विकास वाली अलंकार योजना में अच्छा प्रोजेक्ट देने वाले विद्यालयों को दो करोड़ रुपये तक ही धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। सरकार ने इस योजना के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया अलंकार योजना के प्रस्तावों का परीक्षण कर शासन को उपलब्ध कराएं।