अवधनामा संवाददाता
एयरफोर्स स्टेशन में जाने की आशंका, एसटीएफ ने किया खुलासा
एसटीएफ ने 21 जुलाई की रात कुशीनगर के उत्कर्ष पांडेय को किया गिरफ्तार
कुशीनगर। फर्जी फ्लाइंग लेफ्टिनेंट उत्कर्ष पांडेय के गिरफ्तार किए जाने के मामले की जांच में एक बड़ा खुलासा हुआ है। पांच और ऐसे लोगों के बारे में एसटीएफ को जानकारी मिली है जो खुद को एयरफोर्स का अफसर बताते हैं। इनमें दो लड़कियां व तीन लड़के शामिल हैं। ये सभी उत्कर्ष पांडेय के संपर्क में रहे हैं। एसटीएफ के साथ मिलिट्री इंटेलिजेंस की टीम ने इनके बारे में और जानकारी जुटा तलाश शुरू कर दी है। आशंका है कि ये भी खुद को फर्जी अफसर बताकर लोगों को झांसा देते हैं। उधर, जांच एजेंसियां पता कर रही हैं कि आरोपी उत्कर्ष कभी कानपुर या लखनऊ एयरफोर्स स्टेशन पर गया है या नहीं?
एसटीएफ ने 21 जुलाई की रात कुशीनगर निवासी उत्कर्ष पांडेय को गिरफ्तार किया था। वह फ्लाइंग लेफि्टनेंट की वर्दी में घूम रहा था। पूछताछ के बाद खुलासा किया था कि आरोपी ने अपने परिजनों व गांव वालों से तीन साल पहले बताया था कि उसका चयन एयरफोर्स में हो गया है। इसके बाद वह लोगों को सेना व एयरफोर्स में नौकरी लगवाने का झांसा देकर ठगने लगा। शनिवार को आरोपी जेल भेजा गया। अब एसटीएफ को एक और अहम जानकारी मिली है। एसटीएफ के मुताबिक, तफ्तीश में पता चला कि जब उत्कर्ष ने तीन साल पहले गांव पहुंचकर बताया था कि उसका सेलेक्शन हो गया था तब उसके साथ दो लड़कियां व तीन लड़के भी गए थे। ये सभी एयरफोर्स की वर्दी में थे। खुद को अफसर बताया था। इन सभी ने उत्कर्ष का सम्मान भी किया था। पूरी आशंका है कि ये भी गिरोह का हिस्सा हैं। इसलिए एसटीएफ ने उस सम्मान समारोह की फोटो आदि जुटाई हैं। इन पांचों के बारे में तहकीकात शुरू कर दी गई है।
एयरफोर्स स्टेशनों के अफसरों से साझा की जानकारी
सूत्रों के मुताबिक, एसटीएफ को कुछ ऐसे साक्ष्य मिले हैं, जिससे अंदेशा है कि उत्कर्ष एयरफोर्स का अफसर बन कभी लखनऊ या कानपुर स्थित एयरफोर्स स्टेशन में गया है। इसलिए इन दोनों एयरफोर्स स्टेशनों के अफसरों से मिलिट्री इंटेलिजेंस व एसटीएफ ने संपर्क कर पूरी जानकारी साझा की है। आरोपी का पूरा विवरण उपलब्ध कराया है।
कॉल सेंटर में लग गई थी नौकरी, नानी की मौत की बात कह आया था
पिछले तीन साल से उत्कर्ष लखनऊ के मटियारी इलाके में फास्ट फूड की दुकान चला रहा था। कुछ महीने पहले दिल्ली के एक कॉल सेंटर में उसकी नौकरी लग गई थी। कुछ दिनों तक नौकरी करने के बाद उसे लखनऊ आना था तो वहां पर छुट्टी ली थी। एसटीएफ के मुताबिक, उसने वहां बताया था कि उसकी नानी का निधन हो गया है।
सोशल मीडिया के जाल में फंसा
उत्कर्ष फेसबुक पर काफी सक्रिय था। एयरफोर्स की वर्दी में वह तमाम फोटो उस पर पोस्ट कर रखा है। सूत्रों के मुताबिक जांच एजेंसियों की कई टीमें सोशल मीडिया की निगरानी करती हैं। उसी के तहत उत्कर्ष पांडेय रडार पर आया था। धीरे-धीरे कर जब जांच एजेंसी ने उसके खिलाफ पुख्ता साक्ष्य जुटा लिए, तब उस पर कार्रवाई की।