बारिश के महीने में सब्जियों के दाम चार गुने से अधिक हुए

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अवधनामा संवाददाता

बढ़ती महंगाई ने आम जनमानस की थाली का स्वाद बिगाड़

बांदा। लगातार बढ़ती महंगाई की मार तो जनता झेल ही रही है साथ ही अब लोग सब्जियों की महंगाई से बेहद परेशान हैं।बारिश का महीना चल रहा है, सब्जियी का रेट आसमान छू रहा है जहां अब बाँदा में टमाटर 160 रुपए, लहसुन 200 रुपये किलो, अदरख 200 रुपये किलो, गोभी 100 रुपये किलो बिक रहा है जो हर गरीब व्यक्ती के लिए खरीद कर सब्जी में डालना मुमकिन नजर नहीं आ रहा है। सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि बारिश के महीने में लोगों की थाली का स्वाद भी अब फीका हो जाएगा । आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए जनता को उम्मीद थी कि उन्हें बढ़ती महंगाई से जल्द राहत मिलेगी लेकिन सब्जियों के रेट में उल्टा बढ़ोतरी देखने को मिल रही है सगर्मी का मौसम हरी सब्जियों और फलों के लिए जाना जाता है। ताजा और स्वादिष्ट सब्जियां लोगों के भोजन का स्वाद बढ़ाती हैं । गर्मी का मौसम कई तरह की स्वास्थ्यवर्धक सब्जियों की फसल आने का होता है । इस बार ताजा हरी सब्जियां लोगों को लुभाती तो हैं, लेकिन उनका दाम सुनते ही पसीना आने लगता है। खाद्य तेलों की कीमत जहां दोहरा शतक लगा रही है, वहीं सब्जियों की कीमत भी शतक और अर्ध शतक तक पहुंच रही हैं। गर्मियों में सर्वाधिक पसंद किया जाने वाला नींबू तो 250 रुपये की कीमतों को भी पार कर गया है। इससे नींबू शिकंजी का जायका ही कड़वा होने लगा है। जल्द ही सब्जियों की कीमतों में कमी की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है। थोक में भी महंगाई की मार पूरा बाजार ही महंगा है। थोक में सब्जियों की कीमत बहुत ज्यादा हैं। बाजार से जरूरत के अनुसार सब्जी मिल भी नहीं पा रही हैं। महंगी होने से एक ओर जहां सब्जियों की बिक्री आधे से भी कम रह गई है, वहीं गर्मी में सूखने के कारण नुकसान भी ज्यादा हो रहा है। आजकल लोग पहले के मुकाबले में आधी मात्रा में ही सब्जी खरीद रहे हैं।

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