अवधनामा संवाददाता हिफजुर्रहमान
जनपद भर में मात्र 22 पैथालोजी हैं पंजीकृत चल रहीं है सैकड़ों।
हमीरपुर-मौदहा। जिले भर में अवैध पैथोलॉजी लैबों की बाढ़ सी आ गई है। कलेक्शन सेंटर की आड़ में धड़ल्ले से अवैध पैथोलॉजी लैबों का संचालन किया जा रहा है। जिला मुख्यालय में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सामने ही चल रहीं है अनेकों अवैध पैथोलॉजी। बिना रजिस्ट्रेशन व अधिकृत मान्यता न होने के बावजूद संचालित हो रहीं पैथोलॉजी लैबों की जानकारी होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के अनुसार जिले में केवल 22 पैथोलॉजी लैब ही पंजीकृत हैं।मौदहा में 2 पैथालोजी ही पंजीकृत हैं लेकिन चल रही हैं अनेक कमो बेश यही हाल जिला मुख्यालय का भी है जहाँ अनगिनत अवैध लैब कलेक्शन सेंटर की आड़ में चल रही हैं। जिले भर में यह आंकड़ा दर्जनों की संख्या में बताया जा रहा है। इन लैब का संचालन धड़ल्ले से किया जा रहा है और लोगों के सैंपल लेकर जांच की जा रही है।
यह हैं सुप्रीम कोर्ट के आदेश –
12 दिसंबर 2017 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश क्रमांक 32596/2010 अनुसार पैथालॉजी लैब में कार्यरत पैथालॉजिस्ट जिसके पास एमडी अथवा डीसीपी की डिग्री हो, वही व्यक्ति रिपोर्ट पर हस्ताक्षर कर सकता है। इसके अलावा भले ही वह एमबीबीएस डॉक्टर्स क्यों न हो, उसे रिपोर्ट में हस्ताक्षर करने का अधिकार नहीं है। इस मामले में टैक्नीशियन की अपील को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। लेकिन इसके बाद भी जिले भर मे कस्बों के साथ ग्रामीण अंचलों में भी अवैधरूप से सैकड़ों पैथालॉजी लैब का संचालन अयोग्यों द्वारा किया जा रहा है।
न योग्यता न रजिस्ट्रेशन
लैब संचालन के लिए शासन द्वारा विधिवत नियम लागू किए गए हैं, लेकिन जिले में आश्चर्यजनक रूप से डीएमएलटी व उनके सहयोगी तक लैब संचालित कर रहे हैं, वे ही रिपोर्ट में साइन करके दे रहे हैं, जबकि लैब संचालक एमबीबीएस,एमडी पैथोलॉजिस्ट होना चाहिए। इतना ही नहीं अवैध तरीके से संचालित हो रहीं लैब के पास न ही नियमानुसार पॉल्यूशन बोर्ड का रजिस्ट्रेशन है और न ही पंजीकृत मेडिकल वेस्ट फर्म का पंजीयन है। लैब के पास पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड का रजिस्ट्रेशन, पंजीकृत मेडिकल वेस्ट सर्विस से एग्रीमेंट, सीएमएचओ ऑफिस का रजिस्ट्रेशन लेकिन नियमों को ताक पर रखकर पैथोलॉजी लैब संचालित हो रही हैं। और स्वास्थ्य विभाग मौन है।।