अवधनामा संवाददाता
बाराबंकी। माह ए मोहर्रम में आयोजनों को लेकर जिम्मेदार कमेटी बिना पंजीकरण के चल रही है। पंजीकरण लम्बे समय से नही है ऐसी हालत में समझा जा सकता है कि कमेटी का पदाधिकारी होने का चोला ओढ़कर अवांछनीय तत्व अपने मकसद को अंजाम दे रहे हैं। अब ऐसे में यही बदनाम चेहरे किसी अप्रिय स्थिति या घटना को अंजाम दे दें तो प्रशासन की ही जवाबदेही बन जाएगी।
यहां याद दिलाना जरूरी है कि माह ए मोहर्रम के दौरान शहर भर में विविध आयोजन होते हैं। जुलूस से लेकर ताजिया दफन होने तक स्थिति संवेदनशील रहती है, यह बात जिला प्रशासन भी मानता है। अप्रिय स्थिति न उतपन्न होने पाए इसकी जिम्मेदारी आयोजक कमेटी की रहती है। तब तक गनीमत रही जब तक कमेटी पंजीकृत व मोअज्जिज लोगों से भरी हुई थी लेकिन अब गौर करने लायक बात यह है कि मोहर्रम कमेटी लम्बे समय से बिना पंजीकरण के चल रही है। इस तरह इस कमेटी को अधिकृत कहा जा सकता है न ही कार्यकारिणी को ही कोई मान्यता मिल सकेगी। इसी स्थिति का फायदा उठाने के लिए समाज के अराजक तत्व बेकरार हैं। हालात यह है कि जिन बदनाम चेहरों के खिलाफ तमाम आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनकी आम छवि खराब है और संगीन मामलों से घिरे हुए हैं वह खुद को कमेटी का पदाधिकारी बताकर जिला प्रशासन में पैठ बनाने के लिए जुटे हैं। यह सारी कवायद सिर्फ खुद को बचाने व फर्जी जिम्मेदार बनकर रुतबा झाड़ने के लिए ही की जा रही है। वैसे भी बिना पंजीकरण के कमेटी अवैध मानी जाएगी। अब सवाल यह उठता है कि अगर कोई अप्रिय स्थिति उत्पन्न होती है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। जाहिर है कि यह बदनाम चेहरे भी पल्ला झाड़ लेंगे। हैरत की बात तो यह है कि जिला प्रशासन भी इसका संज्ञान नही ले रहा। हादसा होने के बाद चेते तो फायदा क्या।