अवधनामा संवाददाता
लखीमपुर खीरी- कलेक्ट्रेट सभागार में प्रभारी डीएम अनिल कुमार सिंह ने अभियोजन कार्यों की मासिक समीक्षा बैठक की, संबंधित को जरूरी निर्देश दिए।अभियोजन कार्याे की समीक्षा के लिए कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रभारी डीएम अनिल कुमार सिंह ने निर्देश दिया कि गम्भीर प्रकृति के वादों में प्रभावी पैरवी कर अधिक से अधिक दोषियों को सजा दिलायी जाय। जिससे अपराधी किस्म के लोगों को यह मैसेज जाये कि छोटा से छोटा अपराध करने पर भी वे सज़ा से बच नहीं सकते हैं। डीएम ने यह भी निर्देश दिया कि न्यायालय में साक्ष्य के लिए आने वाले गवाहों से शत प्रतिशत परिक्षित कराया जाय तथा दोषमुक्त मामलों में नियमानुसार अपील की कार्यवाही भी सुनिश्चित की जाय। समीक्षा बैठक के दौरान में ई-प्रासी क्यूशन डाटा फिडिंग, सम्मन तामिला इत्यादि कार्यों की भी समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गए।डीएम ने मौजूद शासकीय अधिवक्ताओं एवं अभियोजन के अधिकारियों से न्यायालयों में साक्षियों की उपस्थिति और उनके पक्षद्रोही होने के कारणों की समीक्षा की। डीएम ने पुलिस विभाग व अभियोजन विभाग से कहा कि समन तामीली समयबद्ध होनी चाहिए। अधिकतम साक्षियों को न्यायालयों के समक्ष परीक्षित कराया जाय। अकारण साक्षियों की वापसी ना होने पाए, यह प्रत्येक दशा में सुनिश्चित किया जाए। न्यायालयों में विचाराधीन मामलों में सफल अभियोजन पैरवी कर सजा का प्रतिशत बढ़ाया जाना चाहिए। ताकि न्यायालयों में लंबित पुराने मामलों का निस्तारण शीघ्र हो सके। सत्र परीक्षण वादों में दोषमुक्त अधिक होने पर अप्रसन्नता जताई। निर्देश दिए कि डीजीसी इसका स्वयं परिशीलन करें।
इनकी रही मौजूदगी
अपर निदेशक (अभियोजन) नीरज कुमार, संयुक्त निदेशक (अभियोजन) धीरेंद्र कुमार मिश्रा, जेष्ठ अभियोजन अधिकारी शहला समी, सहायक अभियोजन अधिकारी, राना गौतम, चावर्क आजाद, सरिता देवी, जिला शासकीय अधिवक्ता (क्रिमिनल) अरविंद त्रिपाठी, विशेष लोक अभियोजक संजय सिंह, एडीजीसी क्रिमिनल शिव गोविंद राठौर, कपिल कटियार, संदीप मिश्रा, रमारमन सैनी, रमेश चंद्र मिश्र, कौशल किशोर, सुनील कुमार तोमर, अपर शासकीय अधिवक्ता राजेश कुमार सिंह, विशेष लोक अभियोजक बृजेश पांडेय मौजूद रहे।