पसमांदा मुसलमान की उम्मीदों पर खरे उतरें पीएम मोदी, तकलीफों से दिलाएं निजात- वसीम

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अवधनामा संवाददाता

बाराबंकी। केन्द्र की भाजपा सरकार अपना कार्यकाल के दस वर्ष सफलतापूर्वक पुरा करने जा रही हैं। पिछले नौ वर्षो के दरम्यान में संविधान में दर्जनों बार संशोधन हुए और नये नये कानून बने परन्तु देश में सबसे अधिक समाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक, राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक दंश एव॔ पीड़ा से गुजरने वाली मुसलमानों की देशज पसमांदा (दलित-पिछड़ा) जातियों के लिए 22 मई 2006 ई० को गठित जस्टिस रंगनाथ मिश्र की रिपोर्ट पर यूपीए की सरकार की नजर नही गई।
यह बात ऑल इण्डिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसीम राईन ने अपने एक बयान में कही। उन्होंने कहा जबकि यूपीए सरकार के न्यूनतम साक्षा कार्यक्रम का उपरोक्त कमीशन हिस्सा रहा हैं।
पसमांदा मुसलमानों की वो तमाम पिछड़ी जातियां जिनको संविधान की धारा 340 के अंतर्गत और मंडल कमीशन की सिफारिश पर अन्य पिछड़ा वर्ग में रखा गया हैं। वह अन्य धर्मावलम्बियों की तुलना में अधिक निरक्षर और निर्धन हैं पसमांदा मुसलमान शिक्षा, निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों की नौकरियों में भी पसमांदा मुसलामानों की भागीदारी बहुत ही कम हैं। विधायिका और न्यायपालिका में भी अन्य पिछड़ा वर्ग की उपेक्षित और पसमांदा मुस्लिम जातियां आजादी से पूर्व गर्वन्मेंट इंडिया एक्ट 1933 के अनुसूचित जाति की सूची में सूचीबद्ध थी अर्थात्‌ ये तमाम जातियां शुद्र और अति शुद्र जातियों से धर्म परिवर्तन कर मुसलमान हुए थे। ऐसी परिस्थिति में सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास के विश्वसनीय नारें के साथ कार्य करने वाले मोदी सरकार को स्वंय पहल करनी चाहिए रंगनाथ मिश्र कमीशन की बहुप्रतीक्षित सिफारिश के आधार पर संविधान की धारा 340 के अंतर्गत आने वाली समस्त पसमांदा मुस्लिम जातियों को संविधान की धारा 341 में संशोधन कराकर अनुसूचित जाति की श्रेणी में आजादी के 75 वर्षो बाद पुनः लाया जाय। पसमांदा मुसलमानों और ईसाईयों को आजादी के बाद 1950 के राष्ट्रपति के अध्यादेश के आधार पर अनुसूचित जाति की श्रेणी से निष्कासित कर देने का कार्य संविधान के अनुच्छेद 25 की धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत के प्रतिकूल हैं। संविधान का आपत्तिजनक अनुच्छेद 341 की उपधारा 4 में संशोधन कर 2006 ई० में गठित से 2011ई० में संसद के समक्ष प्रस्तुत किये गए रंगनाथ मिश्र आयोग के आधार पर संविधान के अनुच्छेद 340 और 341 में संकेत बाद आरक्षण पसमांदा मुसलमानों और ईसाईयों के लिए सुनिश्चित किया जाए मोदी जी से पसमांदा मुसलमानो को बहुत उम्मीद हैं।

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