Friday, March 7, 2025
spot_img
HomeFoodशाकाहारियों के लिए विशेषज्ञ ने सुझाए 3 सर्वोत्तम वनस्पति-आधारित प्रोटीन स्रोत

शाकाहारियों के लिए विशेषज्ञ ने सुझाए 3 सर्वोत्तम वनस्पति-आधारित प्रोटीन स्रोत

 

लखनऊ।  लखनऊ पिछले कुछ वर्षों में, जैसा कि दुनिया भर में खाने-पीने की आदतों में व्यापक बदलाव देखा गया है, कुछ लोग पौधों पर आधारित जीवन शैली अपनाने का विकल्प भी चुन रहे हैं। दुनिया में कई लोगों के लिए वीगेनिज्म अब जीवन का एक तरीका है। वीगेन उन आहार पद्धतियों में से एक है जिसमें लोग डेयरी सहित मांस, समुद्री भोजन या पशु-आधारित उत्पाद खाने से बचते हैं। वीगेन आहार इंसानों और प्राकृतिक पर्यावरण के लिए लाभदायक साबित हुआ है।– नेहा रंगलानी, इंटीग्रेटिव न्यूट्रीशनिस्ट एवं हैल्थ कोच ने कहा

यह कहने के लिए तो ठीक है, लेकिन वीगेंस को एक चिंता अवश्य सताती है कि उन्हें पौधों पर आधारित आहार से पर्याप्त प्रोटीन कैसे मिल पाएगा। प्रोटीन को विटामिन व खनिजों जैसे जिंक और बी विटामिन्स का एक अच्छा स्रोत माना जाता है और उच्च प्रोटीन वाले आहार से मांसपेशियों की ताकत बढ़ती है, पेट भरा महसूस होता है और इससे वजन घटाने में मदद मिलती है। हालांकि, पौधों पर आधारित एक सुनियोजित आहार से प्रोटीन सहित सभी आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त किए जा सकते हैं।
आप अपने आहार में नीचे दिए प्रोटीन से भरपूर खाद्यों को शामिल करके वीगेन बनने का विकल्प चुन सकते हैं:
बादाम -बादाम प्रोटीन से भरपूर होते हैं और इन्हें विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है। वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चलता है कि प्रोटीन की उच्च मात्रा के चलते बादाम का सेवन करने के बाद पेट भरा होने का अहसास होता है और व्यायाम करने के बाद ये क्षतिग्रस्त मांसपेशियों की मरम्मत में मददगार होते हैं। अक्सर मुट्ठी भर बादाम खाने की सलाह दी जाती है क्योंकि इनसे भूख को नियंत्रित रखने और शरीर में कैलोरी की मात्रा कम रखने में मदद मिलती है। इसके अलावा, बादाम पोषक तत्वों से भरपूर और एक सुविधाजनक स्नैक भी हैं। इनमें विटामिन ई, मैग्नीशियम, रिबोफ्लेविन, जिंक आदि 15 प्रमुख आवश्यक पोषक तत्व होते हैं।बादाम स्वाद बढ़ाने और सीजनिंग के लिए अच्छे रहते हैं और इन्हें किसी भी भारतीय मसाले के साथ मजे से प्रयोग किया जा सकता है। एक वीगेन के रूप में, आप अपने आहार में बादाम का दूध भी शामिल कर सकते हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि बादाम ट्रांस फैट से मुक्त होते हैं और स्वस्थ मोनोअनसैचुरेटेड फैट से भरपूर होते हैं।

टोफू-वीगेन और शाकाहारियों के लिए टोफू एक अच्छा विकल्प है। नए वीगेंस को कई बार पनीर या चीज छोड़ना मुश्किल होता है, इसलिए टोफू एक बढ़िया विकल्प है। इसे सोया दूध से बनाया जाता है और यह प्रोटीन का अच्छा स्रोत है।
दालें-मूंग, अरहर, चना, मसूर, उड़द आदि दालें लाल, पीले और सफेद रूपों में मिलती हैं। ये सभी लैग्यूम फैमिली से आती हैं और इनमें उच्च स्तर का प्रोटीन और फाइबर होता है। अधिकांश भारतीय घरों में दालें चाव से खाई जाती हैं। अलग-अलग राज्यों में इन्हें खाने का तरीका भिन्न हो सकता है। इन्हें बनाना आसान है और चावल, रोटी, इडली, डोसा आदि के साथ भी खाया जा सकता है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img

Most Popular