अवधनामा संवाददाता
कानपुर गुरु नानक देव ने अपनी कमाई का दसवां हिस्सा दान में देने की रीत चलाई थी जिससे जरूरतमंद लोगों का भला हो सके परंतु आज के गुरुद्वारों में बैठे मठाधीश गुरु की गोलक पर ही कब्ज़ा किये बैठ हैँ वर्चस्व की लड़ाई में गुरु की गोलक पर भी कानून का ताला लगवा दिया है जिसका उदाहरण गुरद्वारा बाबा मोहन सिंह द्वारा स्थापित गुरुद्वारा कीर्तनगढ़ का विवाद आपके सामने है यहां पर छह गोलक जो नोटों से भरी हुई है उन पर चद्दर डालकर ढक दिया गया है जैसा कि रीज़र्व बैंक का आदेश है कि कुछ दिनों में ही 2000₹के नोट कागज हो जाएंगे बाजार में कोई वैल्यू नहीं रहेगी गोलक में भी कई 2000 के नोट होंगे और अगर तब तक इस विवाद का निर्णय नहीं आया तो वह भी कागज के टुकड़े हो जाएंगे जिन लोगों ने दान स्वरूप 2000 के नोट दिए था की पैसे के लिए कौम की भिलाई में लगाया जाए परंतु आपसी विवाद के कारण इनका उपयोग नहीं हो पा रहा है मेरी वहां के प्रबंधकों से निवेदन है कि आपस में बैठकर बीच का रास्ता निकालें जिसे 2000 को नोट खराब होने से बचा जा सके लोगों की भलाई में लगाया जा सके कवलजीत सिंह मानू मेंबर: कमेटी गुरुद्वारा भाई बन्नो साहिब