अवधनामा संवाददाता
एक पूर्व विधायक का भी परखा जाएगा मैनेजमेंट।
सुल्तानपुर। निकाय चुनाव में वैसे तो सभी दलों के प्रत्याशी अपना दमखम दिखा रहे हैं। लेकिन सत्ता पक्ष के तीन विधायकों और सांसद की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। वहीं विपक्षी खेमे से आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य के लिए यह चुनाव अहम होने जा रहा है। सपा खेमे से एक पूर्व विधायक का मैनेजमेंट भी चुनाव में परखा जाएगा।
नगर पालिका परिषद समेत जिले के चार नगर पंचायतों में मतदान होने में अब मात्र एक दिन का समय रह गया है।ऐसे में प्रमुख दलों का चुनावी प्रबंधन की कमान संभाल रहे पदाधिकारी प्रत्याशियों के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं ।यह चुनाव भले ही मिनी सरकार के लिए हो, लेकिन चुनावों से अब सीधे-सीधे विधायकों और सांसदों की प्रतिष्ठा जुड़ गई है। सबसे ज्यादा हलचल भारतीय जनता पार्टी में है। नगर पालिका परिषद के प्रत्याशी प्रवीण अग्रवाल के लिए सांसद मेनका गांधी ने दर्जनों सभाएं की।उनके लिए डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सभाएं कर चुके हैं।केंद्रीय मंत्री डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडे भी ब्राह्मणों को रिझाने के लिए नगर में आए। नगरपालिका परिषद की सीट को लेकर भाजपा कितनी गंभीर है।इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि तीन दिनों तक सांसद ने विभिन्न वार्डों में जाकर प्रचार किया। स्थानीय विधायक विनोद सिंह अपने समर्थकों के साथ पार्टी प्रत्याशी प्रवीण अग्रवाल के पक्ष में डटे है। यहां तक कि उन्होंने अपनी बेटी पलक को भी प्रचार अभियान में उतार दिया है।उनकी पुत्री पलक ने कोरोना काल में लोगों की मदद कर अपनी एक अलग पहचान बनाई हैं। इसके अलावा नगर पालिका परिषद की सीट पर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के लिए भी अहम है। क्योंकि यह उनका गृह जनपद है और वह उत्तर प्रदेश के प्रभारी भी हैं। प्रत्याशी डॉक्टर संदीप शुक्ला के लिए उन्होंने ताबड़तोड़ प्रचार किया। अध्यक्ष की सीट के अलावा उनके लिए अपने वार्ड गभड़िया में सभासद को जिताना भी चुनौती है, क्योंकि इसी वार्ड में उनका आवास है। वही नगर पंचायतों में स्थिति कुछ ऐसी ही है।कादीपुर नगर पंचायत में विधायक राजेश गौतम चुनावी प्रबंधन देख रहे हैं।तो लंभुआ मेंविधायक सीताराम वर्मा। समाजवादी पार्टी पर निगाह डालें तो पूर्व विधायक अरुण वर्मा प्रत्याशी सैयद मोहम्मद रहमान के प्रचार अभियान की कमान संभाले हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक मानू को टिकट भी इन्हीं के जरिए मिला था। इसलिए पार्टी नेतृत्व को यह सीट जितवा कर देना उनके लिए भी किसी चुनौती से कम नहीं है। कांग्रेस के लिए नगर पालिका परिषद की सीट सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। कांग्रेस कार्यकर्ता बीते दिनों हुए लाठीचार्ज के बाद से बदली हुई परिस्थितियों में बेहद उत्साहित है।कांग्रेस के लिए अब तक छत्तीसगढ़ के मंत्री के अलावा कई बड़े पदाधिकारी प्रत्याशी वरुण मिश्रा के लिए यहां प्रचार कर चुके हैं।कांग्रेस की नजर ब्राह्मण और मुस्लिम वोटों पर है। यह तो चुनाव परिणाम बताएंगे किसकी प्रतिष्ठा गिरेगी और किसकी साख बचेगी।