अवधनामा संवाददाता हिफजुर्रहमान।
मौदहा हमीरपुर। देश में आए दिन बढ रहे समलैंगिक विवाह के मामलों को लेकर मौदहा बार एसोसिएशन ने राष्ट्रपति को सम्बोधित करते हुए एक ज्ञापन एसडीएम को सौंपा जिसमें समलैंगिक विवाह के मामले में त्वरित सुनवाई और कार्यवाही करने की मांग की है।
बार एसोसिएशन मौदहा के लगभग दो दर्जन वकीलों ने राष्ट्रपति को सम्बोधित करते हुए एक ज्ञापन एसडीएम को सौंपा जिसमें मांग की गई है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने समलैंगिक और ट्रांसजेंडर विवाह के मामलों में कानून बनाते समय जल्दबाजी की है जिसका मौदहा बार एसोसिएशन विरोध करते हुए कहती है कि समलैंगिक विवाह भारतीय संस्कृति, सभ्यता एवं भारतीय समाज की मान्यता के विपरीत है,और समलैंगिक विवाह को मान्यता देने से समाज में विसंगति और जटिलताओं का जन्म होगा।पश्चिमी सभ्यता की की सामाजिक मान्यताओं को बिना विचार किए भारतीय समाज पर थोपना आगामी पीढी के लिए हानिकारक होगा।साथ ही कहा कि समलैंगिक विवाह जैसे कठिन मामले में कानून बनाने का काम विचार विमर्श के बाद भारतीय संसद द्वारा किया जाना बेहतर होता।समलैंगिक विवाह भारतीय सभ्यता पर कुष्ठ रोग के समान है।जिसके कारण पारिवारिक विघटन और अश्लीलता को बढावा मिल रहा है।इस दौरान एसोसिएशन के अध्यक्ष नासिर उददीन सिददीकी, छोटेलाल,विवेक कुमार दीक्षित, अफरोज आलम,सौरभ तिवारी, विजय कुमार प्रजापति,रामस्वरूप नामदेव, जीतेंद्र कुशवाहा,राजेंद्र कुमार मधुपिया,मोहम्मद हनीफ, राहुल द्विवेदी,जावेद एडवोकेट सहित लगभग दो दर्जन अधिवक्ता मौजूद रहे।